देहरादून । भारत छोड़ो आंदोलन की 82वीं जयंती और अगस्त क्रांति दिवस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को गांधी पार्क स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कांग्रेसियों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को याद कर श्रद्धांजलि दी और नफरत को देश से भगाने का संकल्प लिया।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भारत की आजादी के इतिहास में अगस्त क्रांति दिवस का जिक्र स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। उन्होंने कहा कि हम सबको गर्व है कि हम उस कांग्रेस के सिपाही हैं, जिसने देश की आजादी के लिए बलिदान दिए और आजादी के बाद देश की एकता—अनेकता को अक्षुण्य रखने के लिए भी बलिदान और कुर्बानियां दीं। प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन में हजारों आंदोलनकारियों का बलिदान हुआ और लाखों लोग देशभर में गिरफ्तार हुए। अंग्रेजी हुकूमत के तख्त पर यह आखिरी कील साबित हुआ और अंतोगत्वा 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों को भारत को आजादी देनी पड़ी।
महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि भारतवासी क्रिप्स मिशन की निरर्थकता से बहुत निराश थे। ऊपर से अंग्रेजों ने भारतीयों को उनकी इच्छा के विरुद्ध द्वितीय विश्व युद्ध में भी शामिल कर लिया था। आर्थिक संकट और अव्यवस्था की भयंकर स्थिति पैदा हो गई थी। ब्रिटिश सरकार की हठधर्मिता के विरुद्ध महात्मा गांधी ने अपने नेतृत्व का परिचय दिया और भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ किया। आंदोलन को छात्र, कर्मचारी, महिला, मजदूर आदि सभी वर्गों का इतना अधिक समर्थन मिला कि इसके बाद अंग्रेजों के पैर भारत से उखड़ गए और ब्रिटिश सरकार ने भारत से जाने का मन बना लिया। इस दौरान पूर्ण सिंह रावत, नवीन जोशी, याकूब सिद्दीकी, हेमा पुरोहित, मनमोहन शर्मा, मुकीम अहमद, अर्जुन सोनकर, संगीता गुप्ता, ललित भद्री और राजेश पुंडीर आदि उपस्थित थे।