भाेपाल । मध्यप्रदेश में निराशा के दौर से गुजर कांग्रेस ने सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग की तर्ज पर प्रदेश कार्यालय में कामकाज करने की तैयारी की। गुरुवार को पीसीसी के बाहर ऑफिस टाइमिंग का एक बोर्ड भी लगा दिया गया, जिसमें रविवार की छुट्टी का भी जिक्र था। जिसके बाद बाेर्ड लगाने पर विवाद हो गया। बीजेपी ने इस पर कांग्रेस को घेरा तो वहीं विवाद बढ़ते देख बाद में बोर्ड हटा दिया गया।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के भोपाल कार्यालय में कामकाज के घंटे और इसके खुलने और बंद होने का समय निर्धारित कर दिया गया। इसके अनुसार कांग्रेस प्रदेश कार्यालय का ताला सुबह 11 बजे खुलेगा और यहां शाम 6 बजे तक कामकाज होगा। सरकारी दफ्तरों की तरह प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर में रविवार को अवकाश रहेगा। कांग्रेस ने इस संबंध में प्रदेश कार्यालय के बाहर बोर्ड भी लगाया, हालांकि जब इसको लेकर विवाद बढ़ा तो कांग्रेस पदाधिकारी ने यह बोर्ड उखाड़ कर फेंक दिया। कांग्रेस प्रदेश पदाधिकारी अमित शर्मा ने कहा कि “बोर्ड को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हुई। ये बोर्ड उन कार्यकर्ताओं के लिए लगाया गया था जो प्रदेश के दूरदराज के इलाकों से अपने नेताओं से मिलने के लिए यहां पहुंचते हैं। हालांकि इसको लेकर भ्रम पैदा हो रहा था। इसलिए फिलहाल इसे निकाल दिया गया है।
कांग्रेस ऑफिस की टाइमिंग फिक्स वाले बोर्ड लगने पर भाजपा प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने तंज कसा है। उन्हाेंने कहा कि पार्ट टाइम अध्यक्ष की पार्ट टाइम कांग्रेस…, शायद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ठीक ही कहते हैं कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नेताओ की सत्ता की खुमारी अभी तक नहीं उतरी है। वो ख़ुद को अभी भी सत्ता में ही समझ रहे हैं। जीतू पटवारी के अध्यक्ष बनने के बाद हज़ारो कांग्रेसजन कांग्रेस छोड़ चुके हैं, थोड़े से कांग्रेसजन ही बचे हैं, अब उनसे मिलने के लिये भी मध्यप्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक का समय निर्धारित…रविवार को पूर्ण अवकाश…कॉर्पोरेट कल्चर पर अब चलेगी जीतू पटवारी की कांग्रेस…शाम 6 बजे बाद और रविवार को अब “सरूर और मस्ती” में दिखेंगे कांग्रेसजन…. जीतू पटवारी के इस निर्णय को उन्हीं के प्रवक्ताओं ने दिखाया ढेंगा, बोर्ड उखाड़कर फ़्रेंका….? अब कांग्रेस में तो यह होता ही आया है कि मनमोहन सिंह के अध्यादेश को राहुल गांधी ने फाड डाला था और अब एमपी में जीतू पटवारी के आदेश को उनके प्रवक्ताओं ने ही धूल चटा दी… अजब कांग्रेस – ग़ज़ब कांग्रेस…।