नई दिल्ली । भारत और वियतनाम के प्रधानमंत्रियों के बीच आज द्विपक्षीय एवं प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच अगले पांच सालों के लिए व्यापक रणनीतिक साझेदारी को लागू करने से जुड़ी कार्ययोजना को मंजूरी दी गई। साथ ही कराधान, कृषि, दूरसंचार और विधि एवं समाजिक न्याय से जुड़े चार समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।
वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने समकक्ष फाम मिन्ह चिन्ह के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इसमें उन्होंने विस्तारवाद पर प्रहार किया और कहा कि आज का युग विकास पर ध्यान केन्द्रित करने का है। उन्होंने कहा कि भारत और वियतनाम खुले, मुक्त एवं नियम आधारित और समृद्ध हिन्द-प्रशांत के लिए अपने सहयोग को जारी रखेंगे।
वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। वे मंगलवार नई दिल्ली पहुंचे थे। आज उनका राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री फाम राजघाट गए जहां उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और उनके वियतनामी समकक्ष के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई।
वार्ता का एजेंडा व्यापक रणनीतिक साझेदारी को अधिक ऊर्जावान बनाने पर केन्द्रित था। दोनों देशों ने व्यापक रणनीतिक भागीदारी को और अधिक मजबूती देने के लिए एक नयी कार्ययोजना अपनायी। रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए नए कदम उठाये। वियतनाम की मेरीटाइम सिक्योरिटी सशक्त बनाने के लिए भारत की 30 करोड़ डॉलर की क्रेडिट लाइन पर सहमति बनी। दोनों देश आतंकवाद और साइबर सुरक्षा के विषयों पर सहयोग बढ़ायेंगे। इसके अलावा नेताओं ने वियतनाम के न्हा ट्रांग में दूरसंचार विश्वविद्यालय में भारतीय सहायता से निर्मित आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क का उद्घाटन किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि चर्चा में आर्थिक, रक्षा, विकास साझेदारी, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और अन्य सहित द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर व्यापक रूप से चर्चा हुई। उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी एक्ट ईस्ट पालिसी और हमारे हिन्द-प्रशांत विज़न में वियतनाम हमारा महत्वपूर्ण पार्टनर है। हिन्द-प्रशांत के बारे में हम दोनों के विचारों में अच्छा सामंजस्य है। हम विस्तारवाद नहीं, विकासवाद का समर्थन करते हैं। हम खुले, मुक्त, नियम आधारित और समृद्ध हिन्द-प्रशांत के लिए अपने सहयोग को जारी रखेंगे।
उन्होंने वियतानाम की कम्युनिस्ट पार्टी के नेता न्यूयेन फु चोंग के निधन पर गहरी संवेदनाएँ व्यक्त कीं। मोदी ने कहा कि वे भारत के अच्छे मित्र थे और उनके नेतृत्व में भी भारत और वियतनाम संबंधों को स्ट्रेटेजिक दिशा मिली थी।
प्रधानमंत्री ने बुद्ध धर्म की साझा विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि यह दोनों देशों के लोगों को आध्यात्मिक स्तर पर एक दूसरे से जोड़ती है। उन्होंने वियतनाम के लोगों को भारत में बुद्धिस्ट सर्किट में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के लिए आमंत्रित किया। साथ ही वियतनाम के युवाओं को नालंदा विश्वविद्यालय का लाभ उठाने के लिए भी आमंत्रित किया।