कोविड वैक्सीनेशन का पहला राउंड पूरा होते ही 1800 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी लापता हो गए। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 26,292 कर्मचारियो का डाटा शासन को भेजा गया था लेकिन अब तक 24,289 हेल्थ वर्कर्स का ही पता चल सका है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि कहीं न कहीं स्वास्थ्यकर्मियों का रिकार्ड बनाने में ही गड़बड़ी हुई है।
कोरोना महामारी का टीका सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया गया है। शासन ने सभी जिलों से स्वास्थ्यकर्मियों की सूची मांगी थी। इसमें सरकारी और निजी अस्पतालों के सभी कर्मचारियों को शामिल किया गया था। जिले से जो सूची शासन को भेजी गई थी, उसमें 26292 स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे। संख्या के हिसाब से जिले प्रदेश में टाप 5 में शामिल था। पर जब वैक्सीनेशन शुरू हुआ तो 1800 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों का पता ही नहीं चल रहा। वैक्सीनेशन का पहला चरण पूरा हो गया है और अब तक 24289 स्वास्थ्यकर्मियों का ही रिकार्ड सत्यापित हो पाया है।
एक ही नाम दो बार होने से इंकार नहीं
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. आरएन सिंह ने कहा कि वैक्सीनेशन का पहला चरण पूरा होने के बाद करीब 1800 स्वास्थ्यकर्मी कम मिले। इससे संभावना है कि कई स्वास्थ्यकर्मियों के नाम दो या अधिक बार पोर्टल पर अपलोड हो गए थे। ये भी हो सकता है कि कई ऐसे लोगों के नाम भी अपलोड हुए हों जो इस मानक में नहीं आते थे।
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