लखनऊ। सपा मुखिया अखिलेश यादव के पीडीए फार्मूले को बड़ा झटका लगा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद एक और दलित नेता ने समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि बसपा सरकार में रहे कैबिनेट मंत्री और पूर्व विधान परिषद सदस्य कमला कांत गौतम ने शुक्रवार को सपा के प्रदेश सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। कमला कांत गौतम ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को पत्र लिखकर इस्तीफा भेजा है। वहीं उन्होंने इस्तीफे की वजह सपा में स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ हो रहे भेदभाव को बताया हैं।
कमला कांत गौतम ने पत्र में लिखा कि समाजवादी पार्टी की ओर से स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भेदभाव और पक्षपात किया गया। इसकी वजह से हम सब बहुजन समाज आहत हुए है। वहीं उन्होंने पत्र में प्रदेश सचिव के पद को महत्वहीन बताया और लिखा कि आज तक पार्टी में उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई। बिना किसी जिम्मेदारी और जवाब देही के पार्टी का जनाधार नही बढ़ाया जा सकता है। यहां पद देने के बावजूद निष्क्रिय और निष्प्रभावी कर दिया गया है।
कमला कांत गौतम ने आगे लिखा कि वह सदैव समाजिक परिवर्तन के संघर्ष में हमेशा हिस्सा रहेंगे। साथ ही मान्यवर कांशीराम, पेरियार ललई सिंह यादव के सम्पर्क में आने पर और बाबा साहेब अम्बेडकर के विचार से प्रभावित होकर हक और अधिकार से वंचित किए गए समाज को हक और अधिकार दिलाने में प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने आगे लिखा कि महत्वहीन पद पर बने रहने का कोई औचित्य नही समझता हूं। इसी वजह से समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव पद से त्याग पत्र दे रहा हूं। हालांकि कमला कांत गौतम ने स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह बिना पद के पार्टी में काम करने की बात कही
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