तेंदुए का नहीं लगा सुराग, ग्रामीणों में दहशत


लखनऊ । मस्तेमऊ गांव के पास चार दिन पहले दिखे तेंदुए की तलाश रविवार को भी जारी रही। वन विभाग की टीम मुल्लाखेड़ा सहित गोमती नदी के किनारे जंगल में काम्बिंग करती रही। लेकिन न तेंदुए का पगचिन्ह मिले न कोई सुराग मिला। वन विभाग टीम ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी।

सुशांत गोल्फ सिटी में मस्तेमऊ गांव के पास गुरुवार को चरवाहों ने बाउंड्री वॉल पर तेंदुआ बैठा देखा था। इसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम बाउंड्री वॉल से जांच नमूना लिया। जहां बाल मिले थे। उसे कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा था। फारेस्टर योगेश मिश्रा ने बताया कि फरेंसिक जांच में तेंदुए के बाल की पुष्टि के साथ उसके वयस्क होने का भी अनुमान लगाया गया है। तेंदुए की तलाश में गोमती नदी किनारे जंगल में कॉम्बिंग करने के साथ टीम ने मुल्लाखेड़ा, चौरासी, नूरपुर बेहटा गांव के आसपास भी सघन अभियान चलाया। लेकिन तेंदुए का अभी सुराग नहीं लग सका है। गत वर्ष मुल्लाखेड़ा गांव में तेन्दुआ पकड़ा गया था। जोकि किसान पथ पर पड़े पाइप में छिपा बैठा था। इसलिए ग्रमीणों को भी सतर्क किया गया है कि वे छोटे बच्चों को बाहर खेलने पर पाबंदी लगाने के साथ मवेशियों को जंगल की ओर चराने के लिए न ले जाएं। डीएफओ डा. रवि कुमार सिंह बताते है कि तेंदुए के पगचिन्ह नहीं मिले हैं। कांबिंग टीम लगातार नजर रखी जा रही है।

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