बारिश में भीगते हुए ईदगाह पर अदा की नमाज, पास की मस्जिदों में भी पढ़ी दुआ

बरेली । शहर में बुधवार को खुशनुमा माहौल में ईद-उल-अजहा मनाया गया। बारिश में भीगते हुए लोगों ने रब को याद किया। ईदगाह, जामा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में लोगों ने नमाज अदा की। आपसी भाईचारा और सौहार्द बनाए रखने व कोरोना के खात्मे के लिए भी दुआ की। एक-दूसरे को मुबारकबाद भी दी। धर्मगुरुओं की अपील का ध्यान रखते हुए लोगों ने सादगी से त्योहार मनाया। देर रात तक बाजार में बकरों आदि की खरीदारी हुई। बुधवार सुबह उठकर लोग तैयारियों में जुट गए। सबसे पहले दरगाह ताजुशरिया पर साढ़े छह बजे काजी हिदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा कादरी ने नमाज अदा कराई। फिर 10 बजे बाकरगंज स्थित ईदगाह में 26 लोगों ने नमाज अदा की। बारिश के कारण खानकाह नियाजिया दरगाह के अंदर ईद की नमाज अदा हुई। तमाम लोगों ने घर के पास स्थित मस्जिदों में भी नमाज पढ़ी। इसके बाद लोगों ने घरों में बकरों व अन्य पशुओं की कुर्बानी दी। सभी ने एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। ईदगाह समेत अन्य मस्जिदों के आसपास पुलिस का कड़ा पहरा रहा।
दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि ईदगाह में मुफ्ती अफजाल रजवी, जामा मस्जिद में नायब शहर इमाम मौलाना शाहनवाज व दरगाह की रजा मस्जिद में कारी रिजवान रजा ने नमाज अदा कराई। नमाज से पहले उलमा ने ईद उल अजहा की फजीहत और हजरत इब्राहीम व हजरत इस्माइल की कुर्बानी का वाकया बयान किया। सबसे आखिर में दरगाह स्थित रजा मस्जिद में नमाज हुई। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां के अलावा खानदान के सभी लोगों ने नमाज पढ़ी। सज्जादानशीन ने कहा कि कुर्बानी हमें यह शिक्षा देती है कि अल्लाह की राह में अगर जरूरत पड़े तो हम अपनी कीमती चीज कुर्बान करने से पीछे नहीं हटें।

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