द ब्लाट न्यूज़ गंगा-यमुना यह जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। हथिनी कुंड से यमुना में तीन लाख क्यूसेक पानी फिर छोड़ दिया गया। पहाड़ी इलाकों के अलावा पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी लगातार बारिश हो रही है। इससे यमुना की सहायक नदियों केन, बेतवा और चंबल में भी उफान आने की आशंका है। ऐसा हुआ तो निचले स्तरों में दिक्कतें पैदा हो जाएंगी। लगातार बढ़ते जलस्तर की वजह से गंगा-यमुना में जलदबाव बढ़ गया है। हथिनी कुंड से पिछले चार दिनों से यमुना में पानी छोड़ा जा रहा है।
बृहस्पतिवार को तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना में जल्द ही प्रवाह बढ़ने की बात कही जा रही है। फिलहाल जिले में स्थापित बाढ़ चौकियों और आपदा राहत टीमों को सक्रिय किया जाने लगा है।
इस बारे में ज़िलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने बताया कि गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 6 मीटर नीचे है। यह जलस्तर हर घंटे 2-3 सेंटीमीटर बढ़ रहा है। हम 103 बाढ़ केंद्र बना रहे हैं। हमारे पास पीएसी की दो बटालियन, जल पुलिस, एसडीआरएफ की टीम हैं। हमारे पास 1500 से अधिक नाव और 45 से अधिक मोटरबोट हैं। हमने राशन आदि की व्यवस्था की है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन के मुताबिक फिलहाल गंगा और यमुना में एक-एस सेंमी प्रति घंटा की रफ्तार से वृद्धि हो रही है।
रात आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 77.77 मीटर और छतनाग में 74.34 मीटर रिकार्ड किया गया। इसी तरह नैनी में यमुना का जलस्तर 74.78 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा-यमुना के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इससे निचले इलाकों में चिंता पैदा हो गई है। उधर, श्मशान घाटों पर निगरानी बढ़ी दी गई है। फाफामऊ श्मशान घाट पर कटान शुरू हो गई है। नगर निगम के कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि एक भी शव रेत से निकलकर गंगा में बहने न पाएं।