अलीगढ़: 32 वर्ष पुराने दोहरे हत्याकांड में 21 साल से फरार आरोपी को एडीजे-3 की अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा

द ब्लाट न्यूज़ जनपद अलीगढ़ के थाना गभाना इलाके में 32 साल पहले 31 मार्च 1991 में भाड़े पर ट्रक ले जाने के बाद ट्रक में सवार तीन लोगों ने चालक परिचालक की हत्या कर दोनों की लाश को सड़क किनारे फेंकते हुए ट्रक लूट की वारदात को अंजाम दिया था। जिस मामले में पुलिस ने तीनों हत्यारों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की थी सत्र परीक्षण के दौरान अदालत ने दो आरोपियों को पहले ही सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया था। वही सत्र परीक्षण के दौरान सन 2002 से फरार चल रहे आरोपी को 2023 में अदालत में पेश किया गया।

जहां ट्रक लूट के दौरान चालक-हेल्पर की हत्या में 21 साल से फरार हत्यारे को एडीजे-3 की अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाते हुए जुर्माने से भी दंडित किया गया है। अदालत से उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद 21 साल से फरार चल रहे हत्यारे को पुलिस अभिरक्षा में जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है।

आपको बताते चलें कि जनपद अलीगढ़ के थाना गभाना क्षेत्र के दिल्ली अलीगढ़ कानपुर नेशनल हाईवे-91 के पास ट्रक लूट के दौरान चालक-हेल्पर की हत्या के 32 साल पुराने मुकदमे में 21 वर्ष से फरार आरोपी को एडीजे-तीन राजेश भारद्वाज की अदालत में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।जबकि इस मामले में आरोपी के फरार होने के चलते पत्रावली लंबित थी। वहीं कुछ अन्य आरोपियों को पहले सजा सुनाई जा चुकी है।

वही अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी गिर्राज किशोर सिंघल का कहना है कि दोहरे हत्याकांड की घटना 31 मार्च 1991 की देर रात्रि की है। जब कुछ लोग शाम को महानगर के गांधीपार्क क्षेत्र के शाहकमाल रोड इलाके की ट्रांसपोर्ट से एक ट्रक लकड़ी लादने के लिए भाड़े पर लेकर गए थे। जिस ट्रक पर चालक रामपाल व हरपाल परिचालक तैनात थे। तभी मध्य रात्रि थाना गभाना इलाके के कन्होई रामपुर मार्ग पर ट्रक में सवार तीन लोगों ने चालक परिचालक दोनों की हत्या कर उनके शवों को सड़क किनारे फेंक दिया और दोनों की हत्या करने के बाद तीनो लोग ट्रक लूटकर ले गए। दोहरे हत्याकांड की सूचना पर पुलिस पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मामले हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में ट्रक नंबर के आधार पर ट्रांसपोर्ट स्वामी ने अब्दुल ओर हमीद के रूप में दोनों की पहचान की थी।

वही दोहरे हत्याकांड मामले में पुलिस ने विवेचना करते हुए थाना गोंडा क्षेत्र के पीपल नगला निवासी रामेश्वर, नारायन सिंह व एक अन्य के नाम चालक परिचालक की हत्याकांड में उजागर किए गए थे। जिसके बाद पुलिस ने तीनों हत्यारों को दोहरे हत्याकांड में जेल भेजा गया। जिसके बाद पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी।

वही मामले में सत्र परीक्षण के दौरान आरोपी रामेश्वर 2002 में फरार हो गया। जबकि चश्मदीद साक्षी द्वारा तीनों को पहचाना गया था। जिसके बाद अदालत में लगातार गैर हाजिर होने पर रामेश्वर की पत्रावली अलग कर दी। तो वही बाकी दो आरोपियों को सजा सुनाई गई थी। लेकिन अब लंबे समय ओर 21 वर्ष बाद उसके अदालत में हाजिर होने पर पुरानी गवाही व साक्ष्यों के आधार पर एडीजे-3 की अदालत ने रामेश्वर को उम्रकैद व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंंडित किया है।

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