अलीगढ़: बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री का बयान है फूट ओर दूरी पैदा करने वाला- मौलाना जाहिद मुफ्ती

द ब्लाट न्यूज़ एएमयू के रिटायर्ड प्रोफेसर एवं मौलाना मुफ्ती जाहिद ने बागेश्वर धाम के बाबा वीरेंद्र शास्त्री के अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ किए जाने के बयान पर पलटवार करते हुए तीखा हमला बोला है। AMU के रिटायर्ड एवं मौलाना मुफ्ती जाहिद ने बागेश्वर धाम बाबा वीरेंद्र शास्त्री के अलीगढ़ का नाम हरीगढ़ रखने के सवाल पर कहा है की जो घर में सियासत मिलाते हैं यह सियासत में धर्म मिलाते हैं। धर्म का मतलब है इंसान को इंसान बनाना। उसके अंदर इंसानियत , दर्द पैदा करना। उसमें सियासत, ऊंच-नीच, भेदभाव, देश को तोड़ने का भाव नहीं पैदा करना चाहिए।

 

 

धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान नासमझी वाला है धीरेंद्र शास्त्री ने यह बयान देश में फूट पैदा करने वाला दिया है। अगर नेक मकसद होता तो नाम बदलने का कोई मतलब नहीं है। लेकिन जिस नियत से नाम बदलने की बात कही जा रही है। वह सोच समझ के बात नहीं कही गई है। उन्होंने कहा कि इस देश पर सबका हक रहा है । चाहे वह हिंदू हो मुसलमान उससे कोई सा भी हो । उन्होंने कहा कि किसी के साथ भेदभाव नहीं करने वाला सिस्टम हमारे देश में है और धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान नासमझी वाला है यह दिलों में नफरत पैदा करने वाला बयान है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अलीगढ़ का नाम बदलना नहीं चाहते उन्होंने कहा कि हजरत अली के नाम पर अलीगढ़ का नाम रखा गया और मुख्यमंत्री नाम बदलना नहीं चाहते और यही समझदारी की बात है।

मौलाना ने बताया कि सल्तनत और मुगल पीरियड में इसका नाम कोल रहा है उन्होंने कहा कि कोल नाम खत्म नहीं हुआ है कोल नाम से विधानसभा भी है अंग्रेजों ने अलीगढ़ नाम रखा। इससे पहले अकराबाद , जलाली के नाम से जाना जाता था। 1903 में बुलंदशहर अलग हुआ।

उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान केवल फूट पैदा करना और दूरी पैदा करने के लिए होते हैं। उन्होंने कहा एक छोटा सा तबका धर्म के नाम पर सियासत करता है। देश में गरीबी बेरोजगारी है। इस पर राजनीति नहीं होती है । उन्होंने कहा कि अंग्रेज कामयाब नहीं होते अगर हमारे अंदर फूट नहीं होती। इससे देश में नफरत पैदा होगी। ऐसे देश में मोहब्बत पैदा नहीं हो रही है।

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