द ब्लाट न्यूज़ इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) ने नौ मई के बाद दर्ज मामलों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी को रोकने संबंधी अपने आदेश को 31 मई तक बढ़ा दिया है।
आईएचसी की एक पीठ ने पिछले सप्ताह अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान की जमानत याचिका दो सप्ताह के लिए स्वीकार कर ली थी, जिसके एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में उनकी गिरफ्तारी को ‘अवैध और गैरकानूनी करार दिया था। इससे श्री खान को उनकी गिरफ्तारी के दिन नौ मई के बाद इस्लामाबाद में दर्ज किसी भी मामले में 17 मई तक गिरफ्तारी से छूट मिल गयी थी।
श्री खान के वकील बैरिस्टर गौहर ने बुधवार को न्यायालय में उनका प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल मुनव्वर दुगल, इस्लामाबाद के महाधिवक्ता जहांगीर जादून और सरकारी वकील भी उपस्थित थे।
मामले की सुनवाई जस्टिस मियांगुल हसन औरंगजेब ने की। सरकार के वकील ने पीटीआई प्रमुख के खिलाफ दायर मामलों की जानकारी देने के लिए अदालत से और समय देने का अनुरोध किया। अदालत ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और सुनवाई 31 मई तक के लिए स्थगित कर दी। इसके साथ ही श्री खान की गिरफ्तारी से छूट की अवधि भी 31 मई तक बढ़ा दी गयी।
इससे पहले, आज कई पत्रकारों ने जस्टिस औरंगजेब द्वारा आयोजित सुनवाई का बहिष्कार करने का विकल्प चुना। यह फैसला जस्टिस औरंगजेब के अदालत में पत्रकारों को पांच तक सीमित करने के कथित निर्देश के जवाब में किया गया है।
कई अन्य लोगों के साथ डॉन डॉट कॉम के संवाददाता को आज पूर्व प्रधानमंत्री की जमानत से संबंधित मामले की सुनवाई से वंचित कर दिया गया। पूछताछ करने पर, अदालत के डिप्टी रजिस्ट्रार ने खुलासा किया कि न्यायाधीश ने एक आदेश जारी किया था जिसमें अधिकतम पांच पत्रकारों को ही अदालत कक्ष में उपस्थित होने की अनुमति दी गयी थी। नतीजतन, पत्रकारों ने न्यायमूर्ति औरंगजेब द्वारा आयोजित सुनवाई का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
आमतौर पर, आईएचसी लगभग 30 पत्रकारों को पीटीआई प्रमुख के मामलों से संबंधित कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देता है, जबकि अन्य मामलों में उपस्थित लोगों की संख्या पर कोई निर्दिष्ट सीमा नहीं है।
गौरतलब है कि श्री खान को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने नौ मई को आईएचसी परिसर से गिरफ्तार किया था। उन्हें अल-कादिर ट्रस्ट मामले में दर्ज कई प्राथमिकियों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। पीटीआई प्रमुख को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह आईएचसी में अपने बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन के लिए जा रहे थे।
उनकी गिरफ्तारी के बाद पीटीआई समर्थकों ने राजधानी इस्लामाबाद, लाहौर, पेशावर और कराची सहित देश भर के शहरों में सड़कों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे कई लोग घायल हो गए और सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा।