प्लेटफार्म टिकट की कीमत में तीन गुना बढ़ोतरी- आखिर क्‍यों उठाया गया ये कदम

मंत्रालय का कहना है कि यह अस्थायी फैसला है जो यात्रियों की सुरक्षा और स्टेशनों पर अधिक भीड़ के जमा होने से रोकने के लिए लिया गया है। इस फैसले के बाद जिस प्लेटफार्म टिकट की कीमत 10 रुपये थी अब 30 रुपये हो गई।

DRMs की है स्टेशनों पर भीड़ के प्रबंंधन की जिम्मेदारी

इस ऐलान के साथ मंत्रालय ने बताया कि स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करना डिविजनल रेलवे मैनेजरों (DRMs) की जिम्मेदारी है। साथ ही कहा, ‘यह अस्थायी फैसला है और यात्रियों के हित में रेलवे प्रशासन द्वारा लिया गया है ताकि स्टेशनों पर जो भीड़ होती है उसे रोका जा सके।’ मंत्रालय ने बताया, ‘स्टेशन पर अधिक लोगों के आने से भीड़ हो जाती है और इसे रोकने के लिए समय समय पर प्लेटफार्म टिकट के शुल्क को बढ़ाया जाता है। यह अधिकार उक्त स्टेशन के  DRMs कर है।’ इस तरह के फैसले कई सालों से हालात के मद्देनजर लिए जाते रहे हैं। इसमें नया कुछ नहीं है।  इससे पहले रेलवे ने कम दूरी तय करने वाली ट्रेनों की टिकट की भी कीमतों में बढ़ोतरी की थी  ताकि गैरजरूरी सफर को रोका जा सके।

महामारी के कारण प्लेटफार्म टिकट की बिक्री पर लगी थी रोक

बता दें कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक साल पहले प्लेटफार्म टिकट की सुविधा को बंद किया गया था। इससे केवल यात्रा करने वाले ही स्टेशन पर आ सकते थे और भीड़ जमा होने पर रोक थी। लेकिन अब जहां हर काम दोबारा सामान्य हो रहा है वहीं इस सुविधा को भी फिर से बहाल किया गया है लेकिन एहतियात के साथ। पिछले साल यानि 2020 में लॉकडाउन से पहले भीड़ को रोकने के लिए 18 से 22 मार्च के बीच इसकी कीमत बढ़ाकर 50 रुपये किए गए थे। इसके बाद प्लेटफार्म पर भीड़ में कमी हुई थी जिन्हें यात्रा करनी होती थी उनके साथ कामी कम लोग आते थे।

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