द ब्लाट न्यूज़ कोतवाली ऊपरकोट इलाके में बहुजन समाज पार्टी के उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी नेता इमरान मसूद अलीगढ़ बसपा मेयर प्रत्याशी सलमान शाहिद के समर्थन में सोमवार की देर रात एक जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने सपा प्रत्याशी को लेकर कहा कि समाजवादी पार्टी को छोड़कर सलमान शाहिद ने बहुत अच्छा काम किया है। क्योंकि जरा सा जमीर वाला अखिलेश के साथ नहीं चल सकता है।
कांग्रेस से वह भी अपना सब कुछ छोड़कर सपा में गए थे, क्योंकि मुस्लिमों पर जुल्म हो रहा था, जिसे रोकने के लिए सपा की सरकार बने। कहा सपा सरकार को अब्दुल की जरूरत है। लेकिन सरकार की जरूरत अखिलेश को नहीं है। साथ ही इमरान मसूद ने कहा मुस्लिमों के लिए समाजवादी पार्टी कत्लगाह बन चुकी है। जिसके चलते जल्दी सपा के कार्यालय पर अलीगढ़ का ताला लगने वाला है। उन्होंने कहा कि अब मुस्लिमों को बसपा में ही जाना पड़ेगा। आज मुसलमानों के लिए बसपा ही एकमात्र विकल्प है,ओर सपा हैसियत 111 की है,ओर हमारा काम 203 से चलेगा। जबकि आजम खान की बर्बादी में योगी सरकार से ज्यादा समाजवादी पार्टी का हाथ रहा है।
इसके साथ ही इमरान मसूद यहीं नहीं थमे उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव को आजम खान के मामले में कटघरे में खड़ा कर दिया और कहा कि आजम खान की आंखों से टपकते हुए आंसू, उनके लरजते होंठ से निकलती हुई आवाज आजम खां की बर्बादी की ओर इशारा करती है।क्योंकि आजम खान की बर्बादी में योगी आदित्यनाथ की सरकार से ज्यादा सबसे बड़ा हाथ अखिलेश यादव का रहा है। वहीं अखिलेश यादव को बोलता हुआ मुसलमान नहीं चाहिए।बल्कि अखिलेश यादव को पैर पकड़ने वाला मुसलमान चाहिए ओर जिस मुसलमान में जरा भी जमीर है वह कभी भी अखिलेश के साथ नहीं चल सकता।जबकि मैं अपना सब कुछ झोंक कर समाजवादी पार्टी में गया था। क्योंकि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों पर जुल्म ओर ज्यादती हो रहा थी।तो हम चाहते थे कि सपा की सरकार बने।लेकिन समाजवादी सरकार को अब्दुल की जरूरत तो है। लेकिन सरकार की जरूरत अखिलेश यादव को नहीं है।
इमरान मसूद ने कहा कि घर के दरवाजे हमारे टूट रहे हैं और फर्जी मुकदमे हम पर दर्ज हो रहे हैं। तबाही ने रास्ता हमारा देखा है, हमें जरूरत थी प्रदेश में सरकार बदले, उस वक्त में कांग्रेस में बड़े स्तर का नेता था। लेकिन मैंने अपना सब छोड़ दिया, केवल इस नीयत के साथ कि प्रदेश में होने वाले जुल्म के खिलाफ हमें एक मजबूत आवाज बनकर चलना है। जिसके चलते लखनऊ गया और जिस दिन लखनऊ गया उस दिन बलिया से लेकर 400 किलोमीटर लखनऊ तक पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अखिलेश भैया के नाम पर जवानी कुर्बान हो रही थी ओर अखिलेश भैया के नारे लग रहे थे। ये जवानी अखिलेश भइया तेरे नाम, लेकिन जब नतीजा आया, तो जहां जवानी कुर्बान हो रही थी। वहां भारतीय जनता पार्टी का कमल खिल रहा था।यानि कि जहां अखिलेश यादव थे वहां कमल खिल गया,ओर जहां हम थे वहां पर समाजवादी पार्टी जीत गई। इमरान मसूद बोले उसके बाद हमें समझ आया कि मुसलमानों के साथ ये खेल समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने मिलकर खेला है। वही समाजवादी पार्टी की हैसियत 111 की हैं।लेकिन 111 से हमारा काम नहीं चलने वाला हैं। हमारा काम 203 से चलेगा,ओर हमें सरकार बनाने के लिए बहुमत चाहिए। क्योंकि अपने दिल पर हाथ रख कर देखो, अगर हमने भी उस वक्त नीला झंडा और हाथी का निशान थामा होता और अपने भी उस वक्त नीला झंडा और हाथी का निशान थामा होता तो उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी के सुप्रीमो मायावती होती कोई दूसरा नहीं होता।
इसके साथ ही इमरान मसूद ने कहा कि हमें कोई गले लगाने को तैयार नहीं है। ऐसे में उनको गले लगाने के लिए सिर्फ और सिर्फ बहुजन समाज पार्टी ही है। जो बहुजन समाज पार्टी हम मुसलमानों के दर्द और तकलीफ को समझ रही है। बसपा सुप्रीमो ने मुसलमानों को 64 फ़ीसदी टिकट इसलिए दिए गए कि कम से कम तुम लोगों की समझ में ये आ जाएं कि अपनी रहनुमाओं को मारने वाली कोमे कभी तरक्की नहीं किया करती।जब दलित और मुस्लिम साथ चलेगा, तभी अगड़ा-पिछड़ा राज करेगा। जब ये गठजोड़ मजबूत होगा तो फिरकापरस्ती ताकतें अपने आप हारेंगी। इसके साथ ही उन्होंने बसपा मेयर प्रत्याशी सलमान शाहिद और पार्षद पद के बसपा प्रत्याशी को जिताने की अपील की।