अलीगढ़: कोविड-19 महामारी के बीच ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को अब तक नहीं किया गया भुगतान, CM को लिखा पत्र

द ब्लाट न्यूज़ तहसील खैर क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैर पर कोविड-19 जैसी महामारी के बीच ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों ने अपना दुखड़ा रोते हुए कहा कि कोविड-19 में उन्होंने ऐसी जगह ड्यूटी की। जहां कोई भी ड्यूटी करना नहीं चाहता था? लेकिन उन चारों कर्मचारियों ने कोविड-19 के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर पूरी निष्ठा के साथ ड्यूटी की। लेकिन कोविड-19 महामारी के कई महीने बीत जाने के बाद भी उनका आज तक भुगतान नहीं किया गया है।

 

 

इसके चलते पीड़ित कर्मचारियों का परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है। आरोप है कि जब पीड़ित कर्मचारियों ने स्वास्थ विभाग के उच्च अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारियों को पत्र लिखकर भुगतान किए जाने की गुहार लगाई गई।तो इस पर डीआईओ शरद गुप्ता ने उनके वेतन में से 35% कमीशन मांगे जाने की मांग की जाने लगी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग को वेतन का भुगतान किए जाने को लेकर पीड़ित कर्मचारियों के द्वारा लिखे गए पत्र ओर 35% कमीशन मांगे जाने के मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया। तो इस पर पीड़ित वैक्सीन वाहन कर्मचारियों ने अपने वेतन का भुगतान किए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए कोविड-19 में की गई ड्यूटी का भुगतान किए जाने की मांग की गई है।

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ की तहसील खैर क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैर पर कोविड-19 महामारी के दौरान ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों ने अलीगढ़ जिले का स्वास्थ्य विभाग द्वारा पत्र लिखने के बावजूद भी भुगतान नहीं किए जाने के चलते पीड़ित कर्मचारियों के द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कोविड-19 के दौरान वैक्सीन वाहन पर की गई ड्यूटी का भुगतान किए जाने को लेकर एक पत्र लिखा गया है। आपको बता दें कि थाना लोधा क्षेत्र के गांव बसई निवासी पृथ्वीराज पुत्र कुंवरपाल सिंह एवं थाना खैर क्षेत्र के गांव बझेड़ा निवासी युवक मुवीन व फरमान सहित कस्बा खैर के मोहल्ला फत्ते नगला निवासी इस्माइल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम लिखे गए शिकायती पत्र में कहा है कि पीड़ित सभी चारों कर्मचारी कोविड-19 महामारी के दौरान सामुदायिक स्वास्थ केंद्र खैर पर ABD ( वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूटर के पद पर दैनिक कर्मचारी के रूप में तैनात किए गए थे।जहां सभी चारों कर्मचारियों का कोविड-19 के दौरान की गई वाहन वैक्सीन ड्यूटी का फरवरी 2022 से सितंबर 2022 तक का स्वास्थ्य विभाग द्वारा भुगतान नहीं किया गया। भुगतान नहीं होने के चलते सभी चारों लोगों के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैर के चिकित्सा अधीक्षक सहित खैर डीआईओ से कई बार भुगतान को लेकर बातचीत की। लेकिन उनके वेतन का भुगतान किए जाने से संबंधित किसी बात का आज तक कोई समाधान नहीं किया।

चारों कर्मचारियों का आरोप है कि कोविड-19 जैसी महामारी के बीच ऐसे समय में लोगों के बीच पहुंचकर उन सभी चारों ने अपनी ड्यूटी की। जहां कोई भी ड्यूटी करने को तैयार नहीं था। कोविड-19 महामारी के दौरान न उन्होंने ठंड ,धूप ,गर्मी सहित बारिश की चिंता भी नहीं की ओर उन्होंने महामारी के अपनी जान जोखिम में डालकर पूरी ईमानदारी के साथ अपनी ड्यूटी का निर्वाहन किया।आरोप है कि जब उन्होंने अपने भुगतान के लिए चिकित्सा अधीक्षक खैर ओर डीआईओ शरद गुप्ता से बातचीत की गई। तो उन्होंने भुगतान देने के नाम पर 35% कमीशन की मांग की जा रही हैं।

इसके साथ ही जब कर्मचारी अपने वेतन के भुगतान की बात करते हैं तो डीआईओ कहते हैं कि उनके पास उनको वेतन देने के लिए बजट नहीं है। वहीं चारों कर्मचारियों का कहना है कि फरवरी 2022 से सितंबर 2022 के बीच उनका कुल वेतन 1 लाख 76 हजार रुपये बना हैं।जबकि वेतन का भुगतान नहीं होने के चलते उनका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच रहा है। जिसके चलते उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कोविड-19 में वाहन वैक्सीन ड्यूटी का भुगतान किए जाने की गुहार लगाते हुए अपना भुगतान कराए जाने की मांग की है।

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