अलीगढ़: MSP कानून की पूरे देश से उठ रही मांग, होगा बड़ा आंदोलन

द ब्लाट न्यूज़ भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के नेता राकेश टिकैत अलीगढ़ जिले की तहसील खैर क्षेत्र के के एक गांव में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। जहां उन्होंने एमएसपी कानून बनाए जाने को लेकर केंद्र की सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए केंद्र सरकार को एमएसपी कानून बनाए जाने को लेकर चेतावनी दे दी है।

 

 

उन्होंने कहा कि एमएसपी कानून के लिए देश के किसानों को एक बार फिर बड़ा आंदोलन की जरूरत पड़ेगी,ओर एमएसपी कानून बनाए जाने के लिए देश के किसानों को आंदोलन करने के लिए तैयार रहना चाहिए? क्योंकि एमएसपी कानून बनाए जाने की मांग असम, मेघालय सहित पूरे देश में उठ रही है। जिसको लेकर उनके द्वारा सभी राज्यों में किसानों के बीच दौरा करते हुए मीटिंग का दौर जारी है। जल्द ही m.s.p. कानून बनाए जो को लेकर बड़ा आंदोलन उनके द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से किसानों की बर्बाद हुई फसल को लेकर कहा कि 50% से ज्यादा किसानों को नुकसान हुआ है।जिसकी भरपाई उचित मुआवजा देते हुए सरकार को जल्द करनी चाहिए।

आपको बताते दे कि जनपद अलीगढ़ की तहसील खैर क्षेत्र के गांव टप्पल में किसानों के मसीहा ओर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत किसान नेता विजय तालान के घर पहुंचे थे।इस दौरान किसान नेता विजय तालान के घर पर कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की और आगे की रणनीति पर काम करने को कहा गया। इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि MSP पर एक बड़ा आंदोलन की जरूरत पड़ेगी। जिसके लिए देश के किसानों को तैयार रहना चाहिए। क्योंकि इस बार MSP की डिमांड पूरे देश में उठ रही है। आसाम और मेघालय के किसानों को भी MSP का लाभ मिले? क्योंकि चावल की खेती असम और मेघालय के किसान भी करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में अगर केंद्र सरकार किसानों की फसलों की MSP लागू नहीं करती है। तो दिल्ली में एक बार फिर बड़ा आंदोलन करेंगे। सब जगह जाकर किसानों के साथ वह एमएसपी कानून बनाए जाने को लेकर मीटिंग कर रहे हैं। अब पूरे देश में MSP कानून की आवाज किसान उठाने लगे हैं.

वहीं उन्होंने ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद होने के बाद कहा कि ओलावृष्टि से किसानों की 50% फसलें बर्बाद हुई है। ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से किसानों की बर्बाद हुई फसल को लेकर अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर किसान के हर एक खेत पर सर्वे करते हुए उचित मुआवजा तय किए जाने की मांग को लेकर उनके द्वारा पत्र लिखा जा रहा है।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश,पंजाब-हरियाणा,मध्य प्रदेश बुंदेलखंड सहित कई राज्यों में किसानों की फसलें ओलावृष्टि से बर्बाद होने के साथ ही आम ओर लीची के बाग सहित गेंहू, सरसों व अन्य फसलों में भी ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है।जिससे बागवानी करने वाले किसान भी परेशान है। जिसके चलते किसानों की 50% बर्बाद हुई फसल का मुआवजा सरकार को तुरंत करना चाहिए। जिससे कि किसानों को जल्द राहत मिले। साथ ही किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों में बहुत नुकसान है। गेहूं और सरसों की कटाई होगी तो साल बर्बाद होने से लेबर कॉस्ट बढ़ेगा ओर प्रोडक्शन कम होगा ओर इससे जब मजदूरी बढ़ जाएगी. किसानों को 50% से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। जिसके चलते किसानों के नुकसान की भरपाई सरकार करें।

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