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बुरहानपुर। अधिकारी नगरीय निकायों में रहकर प्रशिक्षण लेते हैं, काम करते हैं और दूसरे विभागों में चले जाते हैं। आइएएस, आइएफएस की तरह नगरीय निकायों के अधिकारियों का भी अलग कैडर होना चाहिए। इस कैडर के अधिकारियों का एक नगरीय निकाय से दूसरे निकाय में स्थानांतरण होना चाहिए, ताकि अपने अनुभवों से वे नगरीय निकायों की व्यवस्था को बेहतर से बेहतर कर सकें। इसके लिए अखिल भारतीय महापौर परिषद के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी आग्रह किया गया है। ये बातें अखिल भारतीय महापौर परिषद (एआइसीएम) के महामंत्री उमाशंकर गुप्ता ने गत दिवस बुरहानपुर में कहीं। वे परिषद की यहां आयोजित 52वीं साधारण सभा को संबोधित कर रहे थे। इसमें 14 राज्यों के 30 महापौर शामिल हुए। इनमें 17 महिला महापौर थीं।
गुप्ता ने कहा कि अभी सभी नगरीय निकायों में महापौर के कार्यकाल में अंतर है। दिल्ली जैसे शहर में मेयर का एक साल का ही कार्यकाल है। इतना समयतो मेयर को लोगों से पहचान बनाने में लग जाता है, फिर यह काम कैसे करेगा। सभा मेंं यह मांग भी उठी कि 1994 में जो 74वां संशोधन किया गया है, उसे सारे नगरीय निकायों में एक समय लागू किया जाए। इसमें स्पष्ट है कि नगर के विकास के सारे अधिकार नगरीय निकायों के पास रहेंगे और उसकी योजनाएं परिषद ही बनाएगी। विकास की भारी एजेंसियंा उनके अंतर्गत ही रहेंगी।
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