Politics:बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाने के बाद राजस्थान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का कार्यकाल भी बढ़ाने की तैयारी है। बल्कि पूनिया से राजस्थान में गुजरात फॉर्म्यूला लागू करवाया जाएगा।

THE BLAT NEWS:

राजस्थान में विधानसभा के चुनावी साल में सतीश पूनिया राजस्थान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पद पर बने रहेंगे, इसकी संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक्सटेंशन मिलने के बाद सतीश पूनिया के एक्सटेंशन के मजबूत संकेत मिल रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने सतीश पूनिया के काम पर भरोसा जताया है। साथ ही राजस्थान में कांग्रेस सरकार के खिलाफ निकाली गई बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा को कामयाब माना है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में सतीश पूनिया ने राजस्थान इकाई के 200 विधानसभा क्षेत्रों में निकाली गई जन आक्रोश यात्रा का प्रजेंटेशन भी दिया। पार्टी सूत्र बताते हैं कि संगठन चुनाव एक साल टालने का निर्णय इसी ओर इशारा करता है कि पूनिया पद पर बने रहेंगे। सतीश पूनिया को पार्टी नेतृत्व ने जो संगठनात्मक टास्क दिए हैं, उन पर वह लगातार काम कर रहे हैं। अब चुनावी साल में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बदलने के मूड में नहीं दिख रही है। इसलिए जल्द ही कार्यकाल बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है। राजस्थान में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले बीजेपी उनसे संगठनात्मक टास्क चुनाव आचार संहिता लगने से पहले कंप्लीट करवाना चाहती है।

Satish Poonia is new rajasthan BJP President | सतीश पूनिया भाजपा के नए ...

चुनावी साल में रिस्क नहीं लेना चाहती पार्टी:
नवंबर आखिर तक राजस्थान में विधानसभा चुनाव होंगे। 17 दिसंबर को मौजूदा कांग्रेस सरकार का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। करीब 10-11 महीने का समय ही पार्टी के पास राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए अब बचा है। चुनावी साल में नया अध्यक्ष बनाने से प्रदेश में पहले से चल रही गुटबाजी और बढ़ सकती है। यह रिस्क पार्टी अब नहीं उठाना चाहेगी। नया अध्यक्ष बनाने पर पूरी नई प्रदेश कार्यकारिणी, फिर जिलों और मंडलों की कार्यकारिणी बनानी पड़ेगी। इतना समय और एनर्जी पार्टी वहां लगाने की बजाय विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगाना चाहती है।

मोदी-नड्डा-शाह और RSS की पसंद:
पार्टी सूत्र बताते हैं कि सतीश पूनिया पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा तीनों की गुड बुक्स में शामिल हैं। साथ ही आरएसएस पृष्ठभूमि से होने के कारण संघ और कार्यकर्ताओं की भी पसंद हैं। पिछले दिनों सतीश पूनिया ने परिवार के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की थी। पूनिया से पीएम मोदी ने करीब सवा घंटे तक चर्चा की थी। इससे पहले कोविड पीरियड को लेकर भी राजस्थान बीजेपी संगठन के काम की तारीफ राष्ट्रीय कार्यसमिति में पीएम मोदी ने की थी। जोधपुर में अमित शाह सभा की सफल सभा में शाह ने पूनिया के काम की सराहना की। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के राजस्थान में अलग-अलग जिलों में दौरों और जनसभाओं के कार्यक्रम भी संगठन के लिहाज से सफल रहे। हाल ही में जनाक्रोश अभियान की जयपुर से शुरूआत और रथों को झण्डी दिखाने के कार्यक्रम की भी नड्डा ने तारीफ की थी।आरएसएस ने ही सतीश पूनिया को अध्यक्ष पद के लिए पार्टी को प्रस्तावित किया था। सूत्र बताते हैं फिलहाल संघ भी प्रदेशाध्यक्ष पद पर बदलाव नहीं चाहता है।
राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ और प्रभारी अरुण सिंह कर चुके स्पष्ट:
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने पिछले दिनों जयपुर दौरे के वक्त सतीश पूनिया के कार्यकाल को लेकर कहा था कि जब तक पार्टी में चुनाव घोषित नहीं हो जाते, तब तक जो पदाधिकारी जहां है, वहां काम करता रहेगा। चुनाव एक साल टालने के फैसले से यह माना जा रहा है सतीश पूनियां पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पद पर बने रहे

बढ़िया काम करने वाले प्रदेशाध्यक्षों में पूनिया का नाम सबसे ऊपर:
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने सितम्बर 2022 में पूनिया का कार्यकाल पूरा होने पर स्पष्ट कर दिया था कि पूनिया ही प्रदेशाध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। इसके बाद जयपुर में सतीश पूनिया के विधानसभा क्षेत्र आमेर में दीपावली स्नेह मिलन कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अरुण सिंह ने मंच से कहा- आप लोग बड़े भाग्यशाली हो। आपने आशीर्वाद दिया और आपके आशीर्वाद से आपके विधायक पूरे प्रदेश के सबसे बड़े नेता डॉ सतीश पूनिया प्रदेश अध्यक्ष हैं। इस क्षेत्र का मान सम्मान प्रदेश में ही नहीं देशभर में है। जब पूरे देशभर की बीजेपी कार्यसमिति होती है,  तो वहां सभी बीजेपी प्रदेशाध्यक्षों को बुलाया जाता है, वहां कहा जाता है सबसे बढ़िया काम कौनसे प्रदेशाध्यक्ष ने किया ? तो उसमें डॉ सतीश पूनिया का नाम ऊपर आता है।

Image result for Politics: सतीश पूनिया ही बने रहेंगे राजस्थान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ! चुनावी साल में कार्यकाल बढ़ाने की तैयारी

गुजरात फॉर्म्यूले पर राजस्थान में बढ़ रही पार्टी:
बीजेपी राजस्थान में भी गुजरात का माइक्रो मैनेजमेंट फॉर्म्यूला लागू करेगी। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने काफी पहले प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को इसका टास्क दे दिया था। गुजरात में बड़े मार्जिन से जीत के बाद उस फॉर्म्यूले पर अब मुहर लग चुकी है। राजस्थान में भी कुल 52 हजार बूथ में से 49 हजार बूथ पर पार्टी ने अपने संगठन की टीम और बूथ कमेटियां खड़ी कर दी है। केवल 3 हजार बूथ पर काम बचा है। जो इस साल चुनाव से पहले पूरा करना है।
10 लाख 92 हजार बूथ कमेटी सदस्य तैनात होंगे:
राजस्थान के बूथ मैनेजमेंट में करीब 11 लाख बूथ कमेटी सदस्य और साढ़े 10 लाख पन्ना प्रमुख चुनाव में बीजेपी के लिए बड़ी भूमिका निभाएंगे। 52 हजार बूथ में से हर बूथ पर बूथ कमेटी बनाई जा रही हैं। हर बूथ कमेटी में 21-21 सदस्य बनाए जा रहे हैं। कुल बूथ कमेटी सदस्य 10 लाख 92 हजार होंगे।
10 लाख 40 हजार पन्ना प्रमुख सम्भालेंगे वोटर लिस्ट:
प्रदेश में बूथ मैनेजमेंट के साथ पन्ना प्रमुखों का मैनेजमेंट भी बीजेपी पैरेलर कर रही है। वोटर लिस्ट के एक पेज को पन्ना कहा जाता है।  जिसमें 30 वोटर के नाम होते हैं। एक पन्ने के आगे 30 और पीछे 30 नाम यानी कुल 60 वोटरों को साधने का जिम्मा हर पन्ना प्रमुख को मिलेगा। हर बूथ पर 20 पन्ना प्रमुख लगाए जाएंगे। 52 हजार बूथों पर कुल 10 लाख 40 हजार पन्ना प्रमुख तैनात रहेंगे।

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जाट वोट बैंक साधने में मिलेगी मदद:

सतीश पूनिया ओबीसी समुदाय के बड़े वर्ग जाट समाज से आते हैं। राजस्थान में ओबीसी बहुत बड़ा वोट बैंक हैं। इसमें जाट समाज का दबदबा है। हर विधानसभा चुनाव में 15 प्रतिशत से ज्यादा जाट विधायक चुनकर आते हैं। 200 सीटों में 30 से ज्यादा जाट विधायक चुनकर लगातार आ रहे हैं।  हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, चुरू, झुंझनूं, नागौर, जयपुर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, बाड़मेर, टोंक, सीकर, जोधपुर, भरतपुर में जाट वोक बैंक अच्छी तादाद में है। इसलिए पूनिया का कार्यकाल बढ़ाकर जाट समाज में भी बड़ा मैसेज देने की कोशिश है। चुनावी साल में पार्टी समाज की नाराजगी भी मोल नहीं लेना चाहती है।
सतीश पूनियां बीजेपी पार्टी की रीति-नीति के हिसाब से संगठन चला रहे हैं। इस काम की आलाकमान लगातार तारीफ भी करता आ रहा है। पूनिया की लो प्रोफाइल छवि और सबसे सहज सुलभ मिलना उन्हें मजबूती देते हैं। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष रहते पार्टी में गुटबाजी को रोकने में पूरी तरह कामयाब नहीं हो सके। प्रदेश भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता एक साथ बड़े आंदोलनों में मंच पर नहीं आ सके। ज्यादातर उपचुनावों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि जिला परिषद और ग्राम पंचायतों में बीजेपी की परफॉर्मेंस अच्छी रही है
बीजेपी के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी का जून 2019 में निधन हो जाने के बाद 14 सितंबर 2019 को सतीश पूनिया को राजस्थान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मनोनयन के आधार पर बनाया गया था।  फिर 27 दिसंबर 2019 को संगठन चुनाव प्रक्रिया अपनाकर पूनिया को निर्विरोध अध्यक्ष घोषित किया गया। इसलिए वह तय कार्यकाल 3 साल से ज्यादा वक्त से प्रदेशाध्यक्ष पद पर बने हुए हैं।

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