Author : Raj Kumar Sharma
सुल्तानपुर। अपना दल (एस) जिलाध्यक्ष अविनाश पटेल के नेतृत्व में अपना दल (एस) कार्यालय में महाराजा बिजली पासी की जयंती मनाई गई। जिसमें कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया। जिलाध्यक्ष अविनाश पटेल ने कार्यक्रम में बताया कि महापराक्रमी अवध घराने के वीर शिरोमणि हिदू हृदय सम्राट महाराजा बिजली पासी के पिता का नाम नथावन देव तथा माता का नाम बिजना देवी था।
राजपासियों का राजकाल 945 ईस्वी से 1184 ईस्वी तक रहा। अंत में महाराजा का शासनकाल 1150 ईस्वी से 1184 ईस्वी तक बहुत ही अकल्पनीय रहा। उत्तरी भारत के लखनऊ के बिजनौरगढ़ के राजा के रूप में जाने जाते थे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश अवध क्षेत्र है। महाराजा ने अपनी सुरक्षा के लिए 12 दरवाजों पर किलों का निर्माण कराया। जनता से राजा जयचंद को कर देने से मना किया। उनके अदम्य साहस शासन को देखते हुए उसी समय कन्नौज के राजा जयचंद ने अवध क्षेत्र पर हमला करने की रणनीति बनाई। कई बार हमला करने का प्रयास किया परंतु आस पड़ोस के महाराजाओं का सहयोग करने वाले सातन पासी, देव माती, सीता माती आदि लोगों के कारण जयचंद को परास्त होना पड़ता था।
जिला मीडिया सचिव राजकुमार शर्मा ने कहा राजा बिजली पासी ने प्रजा की सेवा को ही धर्म मानते थे। प्रजा रक्षा हेतु उन्होंने शहीद होना पसंद किया लेकिन स्वभिमान से समझौता नही किया।