मीडिया संस्थानों पर जमकर पैसे लुटा रहे जिनपिंग

द ब्लाट न्यूज़ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक और चालबाजी सामने आई है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि चीन दुनिया में अपनी छवि सुधारने के लिए अपने गोदी मीडिया पर जमकर पैसे खर्च कर रहा है।

 

 

इतना ही इन मीडिया संस्थानों को  वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के रूप में बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि चीन की आर्थिक नीति को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जा सके।  वाशिंगटन डीसी स्थित वीओए मंदारिन के साथ एक साक्षात्कार में दक्षिण पूर्व एशिया के एक वरिष्ठ फेलो जोशुआ कुर्लांटजिक ने कहा कि चीनी सरकार अपने सरकारी मीडिया आउटलेट्स चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन), चाइना रेडियो इंटरनेशनल (सीआरआई) और सिन्हुआ पर खूब पैसे खर्च कर रही है ताकि दुनिया में चीन की छवि व्यापार के अनुकूल देश के रूप में पेश किया जा सके। हालांकि इनमें से अधिकांश बड़े राज्य मीडिया आउटलेट पूरी तरह से विफल रहे हैं।

चीनी मीडिया के दर्शकों की संख्या अन्य विदेशी मीडिया की तुलना में कम
कुर्लांटजिक ने कहा कि लगभग पांच या छह साल पहले से, चीन एक वैश्विक मीडिया और सूचना तंत्र बनाने की कोशिश कर रहा है। वे वैश्विक मीडिया विमर्श में एक बड़ी भूमिका निभाने की कोशिश कर रहे हैं, जो उन्हें हमेशा लगता है कि चीन के साथ उचित व्यवहार नहीं करता है। उन्होंने कहा कि CGTN और CRI की दर्शकों की संख्या बीबीसी या CNN जैसे वैश्विक मीडिया आउटलेट्स की तुलना में बहुत कम है। यह उन क्षेत्रों पर भी लागू होता है जो कुछ हद तक चीन के अनुकूल हैं जैसे लैटिन अमेरिका और अफ्रीका।

चीनी सरकार की विनाशकारी नीति के चलते कई पत्रकार चैनल छोड़ने को मजबूर
उन्होंने कहा कि चीन की विनाशकारी सरकारी नीति के परिणामस्वरूप सीजीटीएन और सीआरआई के अधिकांश पत्रकार आउटलेट छोड़ चुके हैं। पत्रकारों का कहना है कि वे स्वतंत्र होकर खबर दिखाने में असमर्थ थे क्योंकि मीडिया चैनलों पर सरकारी पहरा है।

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