द ब्लाट न्यूज़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों और सचिवों से कहा है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की तरफ से दी गईं महत्वपूर्ण जानकारियों की अनदेखी न करें और उन्हें गंभीरता से लें। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
मोदी ने कहा कि कोई भी नीति बनाते समय, उसे भारत के रणनीतिक दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे उदाहरण भी मौजूद हैं, जब राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की ओर से दी गई जानकारियों को उचित महत्व नहीं दिया गया।
शुक्रवार को हुई मंत्रिपरिषद की पांच घंटे तक चली बैठक में केंद्र सरकार के सभी सचिवों ने भी भाग लिया। इस दौरान मोदी ने दवाओं के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली आयातित औषधि सामग्री पर निर्भरता के मामले का हवाला दिया, जिसे कई साल पहले एनएससीएस ने रेखांकित किया था।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिसरी ने सचिवालय के बारे में मंत्रियों को अवगत कराने के लिए एनएससीएस पर एक प्रस्तुतिकरण दिया। सूत्रों ने बताया कि मिसरी ने प्रस्तुतिकरण में दुनिया भर में और खासतौर पर यूरोप, रूस व अमेरिका में हो रहे बदलावों तथा भारत पर उनके प्रभाव के बारे में जानकारी साझा की।
सूत्रों ने बताया कि मिसरी का प्रस्तुतिकरण मूल रूप से निर्धारित नहीं था और यह प्रधानमंत्री के निर्देश पर दिया गया। मिसरी से पहले वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन और वाणिज्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने भी अपना प्रस्तुतिकरण दिया।
बैठक के दौरान, मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि नीति निर्माण की प्रक्रिया गतिशील है और बदलते समय के साथ इसमें बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नीतियों को बनाने और लागू करने में आत्मसंतुष्ट होने की प्रवृत्ति रही है और इससे बचा जाना चाहिए। सूत्रों ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा कि नीतियां बदलते समय के अनुकूल होनी चाहिए।