द ब्लाट न्यूज़ । महाराज चार्ल्स तृतीय अपनी दिवंगत मां, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताबूत के साथ निकलने वाले जुलूस में शामिल होने के लिए सोमवार को एडिनबर्ग पहुंचे।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की पार्थिव देह को स्कॉटलैंड की राजधानी के मध्य से होते हुए एक गिरजाघर तक ले जाया जाएगा जहां इसे जनता के अंतिम दर्शन के लिए 24 घंटे रखा जाएगा।
इससे पहले चार्ल्स ने संसद में एक शोकसभा में भाग लिया जहां उन्होंने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि वह अपनी दिवंगत मां की ‘निस्वार्थ सेवा’ के रास्ते पर चलेंगे।
इससे पहले ब्रिटेन के प्रिंस हैरी ने पहली बार अपनी ‘‘दादी’’ महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी ‘‘अच्छी सलाह और मनमोहक मुस्कान’’ को याद किया और कहा कि उन्हें यह जानकर तसल्ली मिली है कि उनका उनके ‘‘दादा’’ प्रिंस फिलिप से पुनर्मिलन हो गया है।

सरकार ने घोषणा की है कि महारानी के अंतिम संस्कार से पहले रविवार को देश एक मिनट का मौन रखेगा। स्थानीय समयानुसार रात आठ बजे मौन रखा जाएगा। लोगों से अपने घरों या सामुदायिक कार्यक्रमों में मौन रखने का आग्रह किया गया है।
लंदन में 1,000 साल पुराने वेस्टमिंस्टर हॉल में हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स की ओर से जतायी गई संवेदनाओं के जवाब में महाराज चार्ल्स तृतीय ने इतिहास पर प्रकाश डाला और अपनी मां के शासनकाल के कई प्रतीकों का उल्लेख किया।
राजकीय शोक के इस कार्यक्रम में संसद के लगभग 900 सदस्य शामिल हुए और देश के नये महाराज के प्रति निष्ठा व्यक्त की।
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