विदेश यात्रा की अनुमति संबंधी प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब तलब

 

द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली उच्च न्यायालय ने राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की विदेश यात्रा के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केंद्र सरकार से सोमवार को जवाब तलब किया। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने यह याचिका दायर की है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 31 जुलाई से सात अगस्त तक सिंगापुर की यात्रा के लिए केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी नहीं दिये जाने की पृष्ठभूमि में यह अर्जी दायर की है।

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने गहलोत की याचिका पर विदेश, वित्त एवं गृह मंत्रालयों के जरिये केंद्र सरकार को और दिल्ली के उपराज्यपाल को नोटिस जारी किये और जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। प्रतिवादियों की ओर से पेश वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगे जाने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 23 जनवरी 2023 की तारीख मुकर्रर की। गहलोत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए।

याचिका में कहा गया है कि ‘विवेकाधिकार के दुरुपयोग’ का यह कोई पहला मामला नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री को इससे पहले 2019 में कोपेनहेगन में ‘सी-40 विश्व महापौर शिखर सम्मेलन’ में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी गयी थी। याचिका के अनुसार, खुद याचिकाकर्ता गहलोत को लंदन यात्रा की अनुमति तब तक नहीं दी गयी थी, जब तक उनका अनुरोध निष्प्रभावी नहीं हो गया था।

आम आदमी पार्टी के नेता गहलोत ने अपनी याचिका में राज्य सरकार के मंत्रियों की आधिकारिक विदेश यात्राओं के लिए अनुमति देने या न देने को लेकर केंद्र सरकार के अधिकारों के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि सिंगापुर की खास यात्रा की अनुमति से इनकार करने का कोई प्रथम दृष्टया कारण या आधार प्रतीत नहीं होता है और इस प्रकार अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से मनमाना फैसला लिया है।

 

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