सावन के महीने में लोग परहेज के साथ चीजें खाते हैं। इस महीने में बहुत से लोग सोमवार को व्रत भी रखते हैं। यह व्रत शिवजी के लिए रखा जाता है। सावन के महीने में व्रत रखने का जहां धार्मिक महत्व है वहीं स्वास्थ्य के लिहाज से भी ऐसा करना अच्छा होता है। दरअसल माना जाता है कि बारिश के मौसम में हमारी इम्यूनिटी काफी वीक होती है। ऐसे में खान-पान जरा भी बिगड़ा तो तबीयत खराब होते देर नहीं लगेगी। आयुर्वेद में भी चतुर्मास में कई चीजें खाना मना होता है। बारिश के मौसम में पाचन तंत्र भी कमजोर होता है। ऐसे में व्रत रहना और हल्का खाना सेहत के लिए बेस्ट है। यह आपका वजन भी कंट्रोल करता है।
बारिश में बिगड़ जाता है दोषों का बैलेंस
आयुर्वेद के मुताबिक, शरीर में वात, पित्त और कफ तीन दोष होते हैं। अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो इन दोषों का बैलेंस में होना जरूरी है। बारिश के मौसम में डाइजेस्टिव सिस्टम गड़बड़ रहता है, डिहाइड्रेशन होता है और शरीर के एसिड्स का भी लॉस होता है। इस वजह से शरीर के दोषों का बैलेंस बिगड़ने की आशंका बढ़ जाती है।
नींबू और आंवले को करें रूटीन में शामिल
कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें त्रिदोष नाशक माना जाता है। ऐसे फूड्स में आंवला और नींबू आते हैं। इसके अलावा सीजनल फल जरूर खाएं। आप दूध की बनी चीजें जैसे पनीर खा सकते हैं। डायट में मेवे जैसे किशमिश, खजूर, अखरोट और बादाम शामिल करें। सावन के महीने में हरी सब्जियां ज्यादातर लोग नहीं खाते। वजह बारिश में इनमें कीड़े,मकौड़े, बैक्टीरिया और फंगस वगैरह होने के चांसेज ज्यादा रहते हैं। हो सके तो ऐसी सब्जियां अवॉइड करें। आप लौकी बिना झिझक खा सकते हैं।
व्रत के फायदे
सावन के महीने में व्रत रहने के कई फायदे होते हैं। अब साइंस भी मान चुकी है कि व्रत रहने से आप कई बड़ी बीमारियों से बचते हैं। इसके अलावा डाइजेस्टिव सिस्टम भी ठीक रहता है। इसे साइंस की भाषा में इंटरमिटेंट फास्टिंग कहते हैं। अगर आप 16 घंटे कुछ नहीं खाते तो सिस्टम को रेस्ट मिलता है और शरीर डिटॉक्स होता है। कई लोग जो ऐसे ही खाना छोड़ने में कतराते हैं वे व्रत के बहाने इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकते हैं। अगर आप व्रत रहते हैं तो आलू, साबूदाना, फल, दूध, पनीर, मेवे, कुट्टू का आटा वगैरह एक टाइम खा सकते हैं।