उच्च न्यायालय का चयन पैनल को निर्देश, योग्यता के आधार पर ऊंची कूद एथलीट शंकर के नाम पर विचार करें

द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को चयन समिति को निर्देश दिया कि वे योग्यता के आधार ऊंची कूद एथलीट तेजस्विन शंकर के नाम पर विचार करें जिन्हें 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने वाली टीम से बाहर रखा गया है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि शंकर के नाम को खारिज करने के लिये उनका अंतरराज्यीय चैम्पियनशिप में भाग लेना एकमात्र मानदंड नहीं होना चाहिए क्योंकि वह ‘पदक दावेदार’ हैं इसलिये इसमें अहं का मुद्दा नहीं होना चाहिए।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने यह नोटिस जारी किया और याचिका के आधार पर भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई), खेल मंत्रालय और एएफआई की सीनियर वर्ग की चयन समिति से जवाब मांगा है।

यह याचिका एएफआई को यह निर्देश देने के लिये दायर की गयी कि शंकर को अंतरराज्यीय सीनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं लेने के आधार पर राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भाग लेने से ‘डिसक्वालीफाई’ नहीं किया जाये और उन्हें इस आधार पर भाग लेने की अनुमति दी जाये कि उन्होंने राष्ट्रीय कॉलेजिएट एथलेटिक संघ चैम्पियनशिप में क्वालीफाइंग मानक हासिल कर लिया था।

अदालत ने कहा, ‘‘ये रिकॉर्ड ‘होल्डर’ हैं और आप उन्हें ऐसे ही बाहर नहीं कर सकते। उसमें (शंकर) पदक जीतने की संभावना है। इसे अहं का टकराव नहीं होने दें।’’

एएफआई और चयन समिति के वकील पार्थ गोस्वामी ने अदालत को सूचित किया कि खिलाड़ियों की अंतिम सूची तैयार की जा चुकी है और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के सुपुर्द की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि चयन समिति को आज ही बैठक करनी है।

इस पर अदालत ने निर्देश दिया, ‘‘चयन समिति को शंकर की कूद की योग्यता के आधार उनके मामले पर विचार करना चाहिए और अंतरराज्यीय चैम्पियनशिप में उनके भाग नहीं लेने को उनकी उम्मीदवारी को खारिज करने का एकमात्र मानंदड नहीं बनाना चाहिए।’’

 

 

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