द ब्लाट न्यूज़ । बागपत की रहने वाली एक लुटेरी दुल्हन ने ग्रेटर नोएडा के दो युवकों को अपना शिकार बनाया है। जिसमें से एक विधायक का रिश्तेदार हैं। बड़ी बात यह है कि दोनों पीड़ित दूल्हे थाने के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी शिकायत दर्ज नहीं की जा रही है। इस मामले में हमने बादलपुर एसएचओ और दादरी एसएचओ से बातचीत की। दोनों एसएचओ ने बताया कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है। वहीं, दोनों पीड़ितों का कहना है कि वह काफी समय से थाने के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन पुलिस ने उनको कोई मदद नहीं मिल पा रही है। अब दोनों दूल्हे खुद ही अपनी दुल्हन को ढूंढने में लगे हुए हैं। लुटेरी दुल्हन दोनों से 15 लाख रुपए लेकर गई है।
डॉली बनकर दादरी के छोरे को लूटा
ग्रेटर नोएडा के दादरी कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले अशोक कुमार (काल्पनिक) ने 18 जुलाई को बागपत निवासी डॉली नामक एक युवती से शादी की थी। पीड़ित का कहना है कि शादी के दूसरे दिन लड़की को लेने उसके परिजन आए। जिस पर पीड़ित ने अपनी नवेली दुल्हन को खुशी-खुशी विदा कर दिया। इस दौरान नई नवेली दुल्हन काफी जेवर पहनकर गई थी। इसके साथ ही एक बैग भी लेकर गई।
पीड़ित ने खुशी-खुशी विदा की अपनी माशूका
दूल्हे का कहना है कि घर बनाने के लिए लगभग 3 लाख 50 हजार रुपए और जेवर भी लुटेरी दुल्हन ले गई। पीड़ित अशोक जब अपनी पत्नी को लेने ससुराल पहुंचा तो पता चला कि उस नाम की वहां कोई लड़की नहीं रहती है। पीड़ित का कहना है कि उसने अपनी नवेली दुल्हन को काफी तलाशा, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। जिसके बाद पीड़ित ने इस मामले की शिकायत दादरी कोतवाली पुलिस को दी है। पीड़ित दूल्हे का कहना है कि काफी बार थाने के चक्कर काटने के बावजूद भी पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया है।
दूसरा शिकार लुटेरी दुल्हन के गांव पहुंचा तो…
लुटेरी दुल्हन से शादी करने के बाद मनोज ने उसको 2 दिनों तक अपने घर में भी रखा था। उसके बाद दुल्हन के परिजन उसको लेने आए और मनोज ने उसको खुशी-खुशी विदा कर दिया। जब मनोज अपनी नवेली दुल्हन को लेने ससुराल पहुंचा तो पता चला कि वहां पर ऐसी कोई लड़की नहीं रहती है। जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने उससे कहा कि वह लुटेरी दुल्हन का शिकार हुआ है और वह 11वां व्यक्ति है। लुटेरी दुल्हन उसके घर से लाखों रुपए का माल और जेवरात लेकर फरार हो गई। इस मामले में पीड़ित ने पुलिस को शिकायत दी है। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की है। संज्ञान में लेने के बावजूद भी उसकी शिकायत दर्ज नहीं की गई है।