अमरावती के डीएम सैलेश नवल ने गुरुवार शाम इसकी घोषणा करते हुए कहा कि शनिवार शाम 8 बजे से सोमवार सुबह 7 बजे तक लॉकडाउन रहेगा। इस दौरान बाजार और अन्य प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। हालांकि, आवश्यक सेवाएं अप्रभावित रहेंगी। वहीं, यवतमाल में लॉकडाउन तो नहीं लगाया गया है, लेकिन कई पाबंदियां जरूर लग गई हैं।
अमरावती के जिलाधिकारी शैलेश नवल ने कहा कि सप्ताह के बाकी दिन होटल और रेस्तरां सहित सभी प्रतिष्ठान रात में आठ बजे तक खुले रहेंगे। पहले ये रात 10 बजे तक खुले रहते थे। उन्होंने कहा, ”कोविड-19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर मैंने जिले में सप्ताहांत में लॉकडाउन लागू करने का फैसला किया है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि भविष्य में किसी भी प्रकार के सख्त लॉकडाउन से बचने के लिए वे कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करें।” उन्होंने कहा कि सप्ताहांत में लॉकडाउन के दौरान सभी बाजार और अन्य प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। उन्होंने कहा, “स्विमिंग पूल और इनडोर गेम भी बंद रहेंगे, जबकि धार्मिक कार्यक्रमों में केवल पांच लोगों को अनुमति दी जाएगी।”
यवतमाल जिले में 28 फरवरी तक स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। रेस्टोरेंट, फंक्शन हॉल और शादी समारोह में क्षमता के 50 फीसदी तक ही लोग एकत्रित हो सकते हैं। इसके अलावा अन्य जगहों पर 5 या इससे अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते हैं। यवतमाल के जिला कलेक्टर एमडी सिंह ने कहा कि यवतमाल में करोना के बढ़ते केसों की वजह से पाबंदियां लगाई जा रही हैं। यह लॉकडाउन नहीं है।
हाल के दिनों में फिर से महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। राज्य में बुधवार को कोविड-19 के 4,787 नए मामले आए जो 2021 में राज्य में एक दिन में आए सर्वाधिक मामले हैं। जिलों में बुधवार को सबसे ज्यादा 230 नए मामले अमरावती में आए। यहां मंगलवार को 82 मामले आए थे। एक अधिकारी ने बताया कि अकोला नगर निगम में बुधवार को 105 और मंगलवार को 67 नए मामले आए।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस मुद्दे पर गुरुवार सुबह बैठक की थी। अजित पवार ने दोपहर में मीडिया से कहा था, ”मुख्यमंत्री ने अमरावती, यवतमाल और अकोला जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की है और कोरोना संक्रमण को लेकर वहां के हालातों का जायजा लिया है। जल्द ही उचित फैसला लिया जाएगा।” इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दोपहर में उपमुख्यमंत्री अजित पवार, स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ आपात बैठक की थी।