रूस से तेल खरीदने के नाम पर भारत ने अमेरिका को खरी-खरी सुनाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत जितना एक महीने में तेल की कुल खरीद करता है, यूरोप उसे बड़ी डील एक दोपहर में कर डालता है।
विदेश मंत्री ने कहा-अगर आप रूस से ईंधन खरीद पर सवाल कर रहे हैं तो मैं यूरोप पर फोकस करने को कहूंगा। हम अपनी जरूरत का ईंधन खरीदते हैं, जो हमारी ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security) के लिए जरूरी है। लेकिन यूरोप इतने बड़े सौदे एक दोपहर में कर डालता है।
रूस से ज्यादा तेल खरीदना भारत के लिए सही नहीं : अमेरिका
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि रूस से ज्यादा तेल खरीदना भारत के लिए सही नहीं है। अमेरिका इस काम में भारत की मदद करने को तैयार हैं। White House के मुताबिक बाइडन ने मोदी के साथ हुई वर्चुअल बैठक में यह बात कही । बाइडन ने इस दौरान यह उल्लेख किया कि अभी भारत अपनी जरूरत का एक से दो फीसदी तेल रूस से लेता है। वहीं अमेरिका जरूरत का 10 फीसदी तेल आयात करता है। बाइडन ने कहा कि भारत का रूस से तेल और गैस खरीदना किसी भी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं है।
मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मदद का आह्वान
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी कंपनियों से भारत में निवेश करने की अपील की है। उन्होंने मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मदद का आह्वान किया। राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। इसमें अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि अमेरिकी कंपनियों से मेक इन इंडिया, विमानन क्षेत्र और वैश्विक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पर बातचीत हुई है।
The Blat Hindi News & Information Website