भिण्ड। जिले के मौ थाना क्षेत्रान्तर्गत करीब 15 दिन पहले सिनोर गांव में एक शिक्षक एवं उसके साथियों द्वारा बलात्कार के प्रयास का मामला अब माननीय उच्चन्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में पहुंच गया है। पुलिस द्वारा कार्यवाही न करने और आरोपी पक्ष के कहने से पीड़ित महिला को प्रताड़ित करने के कारण पीड़ित महिला ने अधिवक्ता के माध्यम से माननीय उच्चन्यायालय खण्ड पीठ ग्वालियर में रिट पिटीशन दायर की है, जिसमें पुलिस पर आरोपियों के साथ मिलीभगत एवं मोटी रकम लेकर मामले को दबाने का आरोप लगाया है।
दरअसल बीती 26 तारीख को सिनोर गांव में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म का प्रयास किया गया। घटना की शिकार महिला के साथ मौ थाना पुलिस द्वारा अपराधियों की तरह व्यवहार किया गया। पीड़िता को 10 घंटे पानी तक नहीं पीने दिया गया खाना तो दूर की बात है। महिला को इतना प्रताड़ित किया कि जब उसको छोड़ा तो वो रास्ते में बेहोश हो गई।
प्रधान आरक्षक अजय शर्मा ने महिला को नास्ता देने गये दलित युवक को अकारण थाने में 5 घण्टे तक बंद कर के रखा रात 8 बजे छोड़ा और उस युवक की अजय शर्मा द्वारा मारपीट भी की गई। जांच अधिकारी महिला उपनिरीक्षक ने फरियादी को आरोपी के गांव लेजाते समय रास्ते मे मारपीट की और उल्टे पीड़ित महिला को केस में फंसाने की धमकी दी।
आरोपी के घर जांच टीम ने चाय नास्ता भी किया-पीड़िता का आरोप है कि पुलिस आरोपी के घर मे अंदर एक घण्टे बैठी रही इसके अलावा पुलिस ने पीड़िता की पूरे गांव में घुमाकर नुमाइश करवाई जो सरासर एक महिला का अपमान है, महिला ने वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायत की लेकिन पैसे की हनक के आगे पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। इससे थक हारकर पीड़ित महिला ने न्यायालय की शरण ली है। पुलिस मामले की लीपापोती में लगी हुई है हो सकता है मामले को कोई अन्य मोड़ देदे क्योंकि पुलिस के रवैये को देख कर लगता नहीं कि महिला को न्याय मिल पायेगा?
पूरा मामला मौ थाने के सीसीटीवी कैमरे में देखा जासकता है पीड़ित महिला ने जांच अधिकारी महिला सहायक उपनिरीक्षक एवं प्रधान आरक्षक अजय शर्मा पर जातिगत एवं चरित्रक रूपसे अपमानित करने का आरोप भी लगाया है, मामला क्या रंग लाता है और पुलिस के कारनामे क्या हैं माननीय उच्चन्यायालय के आदेश के बाद जल्द ही जनता के सामने होंगे?
प्रकरण भिण्ड जिले के मौ थाना अन्तर्गत आनेवाले सिनोर गांव का है जहां ग्वालियर के गोलाका मंदिर थाना क्षेत्र के रचना नगर निवासी शशि परिवर्तित नाम की एक महिला टायफाइड की दवा लेने गई थी वहीं दावा देने वाले शिक्षक छविराम शर्मा एवं दो अन्य साथियों ने महिला से किया दुष्कर्म का प्रयास किया पुलिस ने 10 घण्टे नाटक करने के बाद 4 कोरे कागजो पर हस्ताक्षर कराकर महिला को ग्वालियर भेज दिया अब मामला न्यायालय की गोद मे है।