शपथ ग्रहण समारोह में हुई अव्यवस्था पर मुख्य सचिव ने तलब की रिपोर्ट आज करेंगे समीक्षा बैठक…

द ब्लाट न्यूज़। अटल बिहारी वाजपेयी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इकाना स्टेडियम में शुक्रवार को योगी सरकार के शपथ ग्रहण के दौरान हुई अव्यवस्था ने शीर्ष अधिकारियों की भी चिंता बढ़ा दी है। गृह मंत्री अमित शाह व अन्य वीवीआइपी की सुरक्षा में चूक प्रशासन व पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर रही है। समारोह स्थल पर हुई अव्यवस्था को लेकर शीर्ष स्तर से हुई शिकायतों को बेहद गंभीरता से लिया गया है।

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है और वह रविवार को अवकाश के दिन गृह व पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। डीजीपी मुकुल गोयल ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर से रिपोर्ट मांगी है। यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए बड़े पैमाने पर की गई तैयारियों के बावजूद किन कारणों से पूरी व्यवस्था चरमरा गई, इसे लेकर डीजीपी ने सभी बिंदुओं पर गहन मंथन का निर्देश दिया है। गड़बड़ी किन कारणों से हुई, उन्हें खोजने को कहा है।

इकाना स्टेडियम में शपथ ग्रहण समारोह में वीवीआइपी, वीआइपी व अन्य अतिथियों के प्रवेश के लिए पांच गेट बनाये गये थे। वीआइपी मूवमेंट के लिए शहीद पर सामान्य यातायात को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर डायवर्जन लागू किये गये थे। समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी अाना था। लिहाजा एसपीजी से लेकर अन्य एजेंसियां भी पूरी तरह से सक्रिय थीं। कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के साथ पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती तो यातायात प्रबंधन की थी। यही वजह है कि 350 अतिरिक्त यातायात पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी लगाई गई थी। इकाना स्टेडियम के आसपास के मार्गों से लेकर शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर यातायात के विशेष बंदोबस्त के दावे किये गये थे। अतिरिक्त आइपीएस व पीपीएस अधिकारी भी तैनात किये गये थे।

इसके बावजूद समारोह स्थल पर जब अतिथियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ तो व्यवस्था चरमराती चली गई। नतीजे में शहीद पथ से लेकर अन्य प्रमुख मार्गों पर भीषण जाम लगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कर्नाटक व अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, कई सांसद व विधायकों को समारोह स्थल से अपने वाहनों तक पहुंचने के लिए काफी दूर तक पैदल चलना पड़ा। स्टेडियम के भीतर भी वीआइपी से लेकर अन्य अतिथियों को खूब धक्का-मुक्की सहनी पड़ी। दरअसल, पुलिस प्रशासन के लिए यातायात प्रबंधन की दृष्टि से यह आयोजन बेहद महत्वपूर्ण था। लखनऊ में इतनी बड़ी संख्या में वीवीआइपी व वीआइपी की मौजूदगी में होने वाले समारोह को आने वाले दिनों में नजीर के तौर पर पेश किये जाने की तैयारी तो की गई थी, लेकिन प्रशासन व पुलिस के अधिकारी उस पर खरे नहीं उतर सके।

 

Check Also

वाराणसी में प्रधानमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए नामांकन कराने पहुंचे प्रत्याशी

The Blat News: उत्तर प्रदेश के लोकसभा की वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने वालों की …