खिताब से चूके भारत की नजरें कांस्य पदक और फ्रांस से बदला चुकता करने पर

भुवनेश्वर । खिताब बरकरार रखने का सपना टूटने के बाद भारतीय टीम एफआईएच जूनियर हॉकी विश्व कप में शनिवार को कांस्य पदक के प्लेआफ में फ्रांस के खिलाफ उतरेगी तो उसका इरादा टूर्नामेंट से बैरंग लौटने से बचने के साथ ही फ्रांस से पहले मैच में मिली हार का बदला चुकता करने का भी होगा।

गत चैम्पियन भारत का लगातार दूसरा जूनियर विश्व कप जीतने का सपना छह बार की चैम्पियन जर्मनी ने तोड़ दिया और सेमीफाइनल में उसे 4.2 से हराया।

जर्मनी का सामना फाइनल में अर्जेंटीना से होगा जबकि भारतीय टीम कांसे के तमगे के लिये फ्रांस से भिड़ेगी जिसने उसे पहले मैच में 5.4 से मात दी थी।

पोडियम पर जगह हासिल करने के लिये भारतीय खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन में काफी सुधार करना होगा। जर्मनी के खिलाफ टीम बिल्कुल लय में नहीं दिखी।

लखनऊ में 2016 में जूनियर विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव नजर आया। अभी तक टूर्नामेंट के किसी मैच में पूरे समय तक मेजबान टीम प्रवाहपूर्ण हॉकी नहीं खेल सकी है। कोच ग्राहम रीड जरूर इससे चिंतित होंगे जिनके मार्गदर्शन में सीनियर पुरूष टीम ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था।

क्वार्टर फाइनल में बेल्जियम के खिलाफ भारतीय डिफेंस ने असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया लेकिन जर्मनी के खिलाफ उसे दोहरा नहीं सके।यशदीप सिवाच, उपकप्तान संजय कुमार, शारदानंद तिवारी और अभिषेक लाकड़ा जर्मनी के आक्रमण को रोकने में नाकाम रहे। तीसरे स्थान पर रहने के लिये मेजबान को उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी।

रीड ने स्वीकार किया कि जर्मनी ने उनकी टीम को हर विभाग में बौना साबित कर दिया।

उन्होंने कहा,‘‘ जर्मनी ने दिखा दिया कि हमारे डिफेंस में क्या कमियां हैं। उन्होंने एक ईकाई के रूप में अच्छे आक्रमण किये। इस स्तर पर जीतने के लिये बेसिक्स में कोई कमी नहीं होनी चाहिये। हमने मौके बनाये लेकिन वे उम्दा नहीं थे। हमें रविवार को बेहतर प्रदर्शन करके पहल मैच की हार का बदला चुकता करना है।’’

जर्मनी के खिललाफ मिडफील्ड और फॉरवर्ड पंक्ति में तालमेल ही नहीं दिखा। सिर्फ उत्तम सिंह ने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया। टीम में चार पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ होते हुए भी एकमात्र पेनल्टी कॉर्नर बनाया और उस पर भी संजय गोल नहीं कर सके।पेनल्टी कॉर्नर बनाने की कोशिश करने की बजाय भारतीय खिलाड़ी गेंद पर कब्जा बनाये रखने की कोशिश में दिखे और विरोधी सर्कल के भीतर मूव को फिनिश नहीं कर सके।

कोच ने कहा,‘‘ चतुर खिलाड़ी तुरंत फैसले लेते हैं जो हमारे खिलाड़ियों में नजर नहीं आया। मौकों का सही फायदा हम उठा ही नहीं सके।’

यहां से 65 किलोमीटर दूर पुरी में चक्रवाती तूफान के कारण भारी बारिश की आशंका है जिससे इस पिच पर खेलना कठिन होगा।

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