नई दिल्ली । राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गोवा सरकार को निर्देश दिया है कि वह राज्य में तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना (सीजेडएमपी) योजना की तैयारी के लिये एक हफ्ते में जनसुनवाई के लिये नया नोटिस जारी करे। अधिकरण ने प्रक्रिया में कमियों पर संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिया। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा यह सच है कि सीजेडएमपी के मामले को यथाशीघ्र अंतिम रूप दिये जाने की जरूरत है जिसकी प्रक्रिया बीते सात सालों से लंबित है, वहीं इस मामले में जन सुनवाई के आदेश का अक्षरश: पालन भी जरूरी है। अधिकरण ने जनसुनवाई में सभी संबंधित पक्षों को भाग लेने का तर्कसंगत अवसर दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले बार आखिरी वक्त में स्थान बदला जाने के कारण जनसुनवाई के संचालन को लेकर पूर्वाग्रह बना। पीठ ने कहा, “तथ्यों और परिस्थितियों को संपूर्णता में देखते हुए हमारा विचार है कि सीजेडएमपी को अंतिम रूप देने से पहले कुछ निर्देश देने जरूरी हैं जिससे यह सुनिश्चित हो कि जन सुनवाई के आदेश का प्रभावी अनुपालन हो।” पीठ ने कहा, “अखबारों समेत तय प्रारूपों में एक हफ्ते के अंदर नोटिस जारी कर नोटिस की तारीख से एक महीने के अंदर जनसुनवाई की तिथि तय की जाए। पर्याप्त क्षमता वाले दो स्थानों का विशेष तौर पर उल्लेख हो जिन्हें बदला नहीं जा सकता।” हरित अधिकरण ने कहा कि जनसुनवाई के तौर-तरीकों का नोटिस में स्पष्ट उल्लेख किया जा सकता है और लिखित आपत्तियां दर्ज कराने की भी अनुमति दी जाए और निर्धारित समय में जनसुनवाई का भी अवसर दिया जाए। अधिकरण गोवा में सीजेडएमपी की तैयारी को लेकर जनसुनवाई के संचालन में कमियों के खिलाफ एक गैर सरकारी संगठन गोवा फाउंडेशन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
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