प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटेन में सीओपी26 में भारत का जलवायु कार्रवाई एजेंडा पेश करेंगे

ग्लासगो । प्रधानमंत्री नरेंद मोदी सोमवार को ग्लासगो में सीओपी26 शिखर बैठक में भारत के जलवायु कार्रवाई एजेंडा पेश करेंगे तथा इस क्षेत्र में उठाये गए श्रेष्ठ कदमों एवं उपलब्धियों के बारे में बतायेंगे ।

सीओपी26 में विश्व नेताओं के उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का दुनिया के अन्य नेताओं के साथ राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य पर आधारित बयान पेश करने का कार्यक्रम है। भारत का बयान पोलैंड के प्रधानमंत्री मैटिअस्ज मोरावीकी के बाद आयेगा । इसके बाद आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का बयान आयेगा ।

रोम में जी20 शिखर बैठक में हिस्सा लेने के बाद यहां पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ग्लासगो पहुंच गया हूं। सीओपी26 में हिस्सा लूंगा, जहां मैं जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए और इस संबंध में भारत के प्रयासों को स्पष्ट करने के लिए विश्व के अन्य नेताओं के साथ काम करने को इच्छुक हूं।’’

ग्लासगो में होटल पहुंचने पर प्रधानमंत्री का ‘स्कॉटिश बैगपाइप’ की धुन पर स्वागत किया गया, जहां प्रवासी भारतीय और भारतवंशियों के प्रतिनिधियों का एक बड़ा समूह उनके स्वागत के लिए पहले ही मौजूद था। समूह ने ‘‘भारत माता की जय’’ के नारे भी लगाए।

सोमवार की सुबह प्रधानमंत्री मोदी का ग्लासगो एवं एडिनबर्ग के भारतीय समुदाय के 45 प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने का कार्यक्रम हैं जिनमें चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग, शिक्षाविद और कारोबारी शामिल हैं।

मोदी का प्रिंस विलियम अर्थशॉट पुरस्कार प्राप्त दिल्ली स्थित फर्म टाकाचर फाउंडेशन के विद्युत मोहन तथा सौर ऊर्जा आधारित आविष्कारकर्ता तमिलनाडु की 14 वर्षीय विनिशा उमाशंकर से मिलने का कार्यक्रम है।

प्रधानमंत्री इसके बाद वह ग्लासगो में ‘स्कॉटिश इवेंट कैंपस’ (एसईसी) में आयोजित होने वाले ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के रूपरेखा समझौते’ (यूएनएफसीसीसी) के पक्षकारों के ‘26वें शिखर सम्मेलन’ (सीओपी-26) में वैश्विक नेताओं के सम्मेलन (डब्ल्यूएलएस) के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे। मोदी वहां एक सत्र को भी संबोधित करेंगे।

मोदी उद्घाटन समारोह के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। उद्घाटन समारोह में कुछ सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी और जॉनसन भाषण भी देंगे।

जॉनसन ने पहले कहा था कि शिखर सम्मेलन ‘‘विश्व के लिए एक यथार्थ का क्षण’’ होगा और दुनिया के नेताओं से इसका अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया था।

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जानसन-मोदी वार्ता संक्षिप्त रहने की उम्मीद है और इसमें खास तौर पर ब्रिटेन-भारत जलवायु गठजोड़ पर ध्यान दिया जायेगा और ब्रिटेन-भारत सामरिक गठजोड़ के 2030 के खाका की समीक्षा की जाएगी जिस पर इस वर्ष मई में दोनों नेताओं की डिजिटल माध्यम से हुए बैठक के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे ।

समझा जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने ब्रिटिश समकक्ष जानसन को भारत आने का न्यौता देंगे।

प्रधानमंत्री की वार्ता से पहले ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार ने कहा, ‘‘दोनों सरकारें निर्धारित समयसीमा के तहत खाका लागू करने को प्रतिबद्ध हैं । इसी के अनुरूप हम अंतरिम समझौते को लेकर नवंबर 2021 में वार्ता शुरू करने को आशान्वित हैं जिस पर मार्च 2022 में हस्ताक्षर होंगे और सब कुछ सही रहा तब नवंबर 2022 में समग्र समझौता हो सकता है।’’

कोविड-19 महामारी के कारण इस वर्ष दो बार बैठक स्थिगित हो गई थी और इस वर्ष मोदी और जानसन पहली बार आमने सामने बैठक कर बातचीत करेंगे ।

द्विपक्षीय बैठक के बाद ‘कार्रवाई एवं एकजुटता : महत्वपूर्ण दशक’ विषय पर सीओपी26 स्तरीय नेताओं की बैठक होगी । इसके लिये ब्रिटेन ने संबोधन के लिये प्रधानमंत्री मोदी को विशेष निमंत्रण दिया है।

शिखर बैठक से पहले मोदी ने अपने बयान में कहा, ‘‘ स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा, पवन और सौर ऊर्जा क्षमता के संदर्भ में भारत दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल है। विश्व नेताओं के सम्मेलन में मैं जलवायु कार्य में भारत के शानदार रिकार्ड एवं हमारी उपलब्धियों का उल्लेख करूंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कार्बन क्षेत्र के समतामुलक वितरण, लचीले निर्माण उपायों एवं शमन, धन जुटाने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एवं हरित एवं समावेशी विकास के लिये टिकाऊ जीवनशैली के महत्व सहित जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों को रेखांकित करूंगा । ’’

ग्लासगो में सोमवार को विश्व नेताओं के शिखर बैठक के पहले दिन के अंत में मोदी केल्विनग्रोव आर्ट गैलरी एवं म्यूजियम में एक वीवीआईपी आतिथ्य समारोह में 120 देशों की सरकारों के प्रमुखों एवं शासनाध्यक्षों के साथ शामिल होंगे । इसमें प्रिंस चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला, प्रिंस विलियम्स एवं उनकी पत्नी केट मिडिलटन सहित शाही परिवार के सदस्य शामिल होंगे।

Check Also

यूएस फेड के फैसले पर टिकी पूरी दुनिया की नजर, चार साल बाद ब्याज दरों में कटौती का इंतजार

नई दिल्ली । दुनिया भर के अर्थशास्त्रियों और निवेशकों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व (यूएस …