लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना और ब्लैक फंगस की बीमारी से लोगों की रोज ही जानें जाने लगी हैं, इलाज की अव्यवस्थाएं बरकरार हैं। गांवों में कोरोना या ब्लैक फंगस संक्रमण रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है। न बड़े पैमाने पर टेस्टिंग हो रही है, न दवाएं है। सबसे दुःखद और शर्मनाक तो यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार निरंतर पर्यटन मोड पर चल रही है।मरीजों की कहीं सुनवाई नहीं है तब ऐसी अनियंत्रित अवस्था में मुख्यमंत्री की जिले की यात्राओं से कौन सा परिणाम आएगा?
अखिलेश यादव ने सोमवार को जारी बयान में कह कि क्या यह सच्चाई नहीं है कि उत्तर प्रदेश में जो भी स्वास्थ्य ढांचा है वह समाजवादी सरकार में ही निर्मित हुआ है। भाजपा सरकार ने चार वर्ष में किसी अस्पताल की नींव तक नहीं रखी। भाजपा तो रायबरेली-गोरखपुर में एम्स चालू नहीं कर पायी। अवध शिल्पग्राम और हज हाउस आज कोविड इलाज में काम आ रहे हैं, इनका निर्माण भी समाजवादी सरकार के समय ही हुआ था।
गांवों में दिन पर दिन हालत बिगड़ते जा रहे हैं। राज्य के एक लाख गांवों में 70 प्रतिशत आबादी है। पहले दूसरे राज्यों में प्रचार के बहाने अब जिलों-जिलों में दौरा। मुख्यमंत्री जहां जाते हैं अस्पतालों में मरीजों को उनके हाल पर छोड़कर डाक्टर-अधिकारी उनकी आवभगत में लग जाते हैं। आदेश-निर्देश से क्या हासिल होना है। राज्य में काम बंद, रास्ता बंद। सरकार छलावा के धंधे से अपना काम चला रही है। इस भाजपा का ऐसा कलियुगी राज है जिसमें न जीते जी इलाज मिल रहा है और नहीं मरने के बाद सम्मान से अंतिम संस्कार ही हो पा रहा है।
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