वायुसेना दिवस:गर्व से आसमान छू रही भारतीय वायुसेना

आठ अक्टूबर, 1932 को ब्रिटिश सरकार की रायल एयरफोर्स की सहयोगी इकाई के रूप में भारतीय वायुसेना का गठन किया गया था। अप्रैल, 1933 में इसकी पहली आपरेशनल स्क्वाड्रन अस्तित्व में आई थी। छह अधिकारियों और 19 सिपाहियों के साथ सहायक इकाई के रूप में गठित भारतीय वायुसेना आज दो हजार से ज्यादा सैन्य विमानों के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। हर साल आठ अक्टूबर को गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर वायुसेना दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस दौरान वायुसेना के लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन विशेष आकर्षण रहता है। हिंडन एयरफोर्स स्टेशन एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का आठवां सबसे बड़ा एयरबेस है।

टाप पांच वायुसेना

’ अमेरिका ’ रूस ’ चीन ’ भारत’ दक्षिण कोरिया

आजादी के बाद बनी पहचान: ब्रिटिश शासन के अधीन होने के कारण भारतीय वायुसेना ने अंग्रेजों की तरफ से द्वितीय विश्व युद्ध में हिस्सा लिया था। यह युद्ध 1939 से 1945 तक चला था। 1945 में भारतीय वायुसेना के नाम के आगे ‘रायल’ शब्द जोड़ दिया गया। आजादी के बाद कुछ समय तक यह इसी नाम से जानी गई। 1950 में नाम से ‘रायल’ शब्द हटाया गया और भारतीय वायुसेना के रूप में इसकी पहचान बनी।

jagran

गीता से लिया गया है आदर्श वाक्य : भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है ‘नभ: स्पृशं दीप्तम्’। इसका अर्थ है गर्व के साथ आकाश छूना। यह आदर्श वाक्य श्रीमद्भगवद्गीता से लिया गया है। यह श्लोक श्रीकृष्ण के विराट रूप को देखकर विस्मित हुए अर्जुन के भाव दिखाता है। जिस तरह से विराट स्वरूप को देखकर भयभीत अर्जुन धीरज नहीं रख पाते हैं, उसी तरह से भारतीय वायुसेना की क्षमता के आगे सब विस्मित हो जाते हैं।

राष्ट्र की सुरक्षा में अहम भूमिका : वायुसेना भारतीय सशस्त्र बलों की अहम इकाई है। विभिन्न युद्धों में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वायुसेना का मुख्य उद्देश्य देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा करना और किसी देश से टकराव की स्थिति में हवाई हमलों को अंजाम देना होता है। पाकिस्तान और चीन से युद्ध में भारतीय वायुसेना की भूमिका उल्लेखनीय रही है।

jagran

आपदाओं में बनी है देवदूत: युद्ध एवं क्षेत्रीय सुरक्षा के अतिरिक्त प्राकृतिक : आपदाओं की स्थिति में वायुसेना राहत एवं बचाव कार्यों में योगदान देती है। 1998 में गुजरात में आए चक्रवात, 2004 में आई सुनामी और उत्तर भारत में अलग-अलग समय पर आई बाढ़ के दौरान बचाव कार्यों में वायुसेना ने अहम भूमिका निभाई है। उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान चलाए गए आपरेशन राहत के दौरान वायुसेना ने 20 हजार लोगों को वहां से सुरक्षित निकाल रिकार्ड बनाया था। भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी हिस्सा है।

Check Also

रूस में आतंकी हमला, 40 लोगों की मौत,100 से भी अधिक लोग हुए घायल

The Blat News: रूस की राजधानी मास्को शुक्रवार को आतंकी हमले से दहल गई। चार …