हमने राफेल गिराए, हमने राफेल गिराए, हमने राफेल गिराए…ये सुन-सुनकर पूरी दुनिया के कान पक गए। लेकिन पाकिस्तान ने आज तक ये नहीं बताया कि कहां गिराए और कैसे गिराए और कब गिराए। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम को करीब-करीब दो महीने बीत चुके हैं। लेकिन पाकिस्तान ने राफेल को लेकर दुनियाभर में अफवाह फैलाई।पाकिस्तान झूठ की हांडी पका रहा है और उसका सदाबहार दोस्त चीन इससे मुनाफा कमा रहा है। इसका खुलासा फ्रांस की खुफिया एजेंसियों ने किया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने सुनियोजित तरीके से राफेल को लेकर अफवाह फैलाई। इसके लिए चीनी एबेंसी और पाकिस्तानी दूतावास का इस्तेमाल किया गया। अफवाह फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर एक हजार फर्जी अकाउंट बनाए गए। पाकिस्तानी पत्रकार ने खुद खुलासा करते हुए कहा कि उनका मकसद है कि राफेल जहाज के खरीदारों को इसे खरीदने से दूर रखा जाए और ये बात साबित की जाए चीनी की फाइटर जेट फ्रेंच फाइटर जेट से टेक्नोलॉजिकली बेहतर है।
इस कदम से फ्रेंच ऑफिसर्स काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि भारत पाकिस्तान के बीच जंग हुई तो उस दौरान कोई 1000 नए सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए और इन अकाउंट्स के जरिए राफेल जहाज के खिलाफ प्रोपोगेंडा किया गया। जिससे इन जहाजों की जहाजों की टेक्नोलॉजिकल सुप्योरिर्टी को छोटा साबित किया जाए। अब सवाल ये उठता है कि राफेल को बदनाम करके चीन और पाकिस्तान को भला क्या फायदा होने वाला था। इसकी वजह चीन का कबाड़ फाइटर जेट जे 10सी है। दरअसल, जे 10सी चीन का वो अव्वल दर्जे का घटिया फाइटर जेट है जिसे चीन पिछले पांच साल से तैयार करके बैठा है। मगर इसके लिए ग्राहक ढ़ंढने पर भी नहीं मिल रहे हैं।
कर्जा वापसी की धमकी देकर उसने पाकिस्तान को जैसे तैसे 100 फाइटर जेट चेपने की कोशिश की थी। मगर पाकिस्तान भी 36 से ज्यादा जे10सी नहीं खरीद पाया। लिहाजा 100 में से 64 जे10सी अब भी चीन के गोदाम में जंग खा रहे हैं। लिहाजा इन विमानों को ठिकाने लगाने के लिए चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर साजिश रची और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राफेल विमान को मार गिराने की अफवाह फैला दी। मतलब चाइनिज आका की तरफ से जो फरमान आया कर्ज के बोझ तले पाकिस्तान ने वही गाना गाया।
बता दें कि राफेल बनाने वाली फ्रेंच कंपनी दसाल़्ट एविएशन ने आज तक 533 राफेल बनाए हैं। जिनमें से 323 निर्यात किए गए हैं। ये भारत, मिस्र, कतर, ग्रीस, क्रोएशिया, यूएई, सर्बिया ने इसे खरीदा है। इंडोनेशिया ने भी हाल ही में 42 राफेल के लिए डील की है। बेशक फ्रांस की खुफिया एजेंसी ने चीन-पाकिस्तान की साजिश का भंडाफोड़ कर दिया है। मगर इस भांड़ाफोड़ से पहले चीन अपना प्रोपगेंडा चलाने में कामयाब हो चुका है क्योंकि पाकिस्तान ने जिस तरह जे10सी की खूबियों का बखान किया। उसके बाद ईरान 36 जे10सी को खरीदने के लिए तैयार हो गया।
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