अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए टैरिफ लागू करने की घोषणा की है, जो विदेशी प्रोडक्शन हब्स को सीधे प्रभावित करेंगे। क्योंकि एपल का 90 प्रतिशत से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग चीन में होता है। इसलिए ये नई व्यापार नीति कंपनी के लिे चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। नए टैरिफ स्ट्रक्चर के तहत चीन इंपोर्टेड प्रोडक्ट्स पर 34 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगेगा, जो पहले से मौजूद 20 प्रतिशत टैरिफ के अलावा होगा। इसके अलावा, भारत से इम्पोर्ट हुए प्रोडक्ट्स पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। 9 अप्रैल से लागू होने वाले इन शुल्कों के कारण एपल की लागत बढ़ सकती है और इसका असर कंपनी के मुनाफे पर पड़ सकता है।
अगर एपल को इन टैरिफ से छूट नहीं मिलती और कंपनी खुद अतिरिक्त लागत वहन करती है, तो Citi के अनुमान के मुताबिक, एपल की ग्रॉस मार्जिन पर 9 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। इसका सीधा असर आईफोन की कीमतों और कंपनी के कुल मुनाफे पर पड़ सकता है। भारत में होने वाले प्रोडक्सन पर 26 प्रतिशत का टैरिफ अपेक्षाकृत कम प्रभाव डालेगा, लेकिन फिर भी ग्रॉस मार्जिन में 0.5 प्रतिशत तक की गिरावट संभव है।
फिलहाल, इस बात को लेकर अनिश्चिता बनी हुई है कि एपल इस एक्स्ट्रा लागत को ग्राहकों पर डालकर कीतमें बढ़ाएगी या फिर लागत को खुद झेलेगी।
नए टैरिफ के ऐलान के बाद बुधवार को एपल के शेयरों में 5.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी बाजार बंद होने के बाद ट्रेडिंग में कंपनी के शेयर 211.32 डॉलर तक गिर गाए, जबकि बाजार बंद होते समय ये 223.89 डॉलर पर थे। इस साल अब तक एपल के शेयरों में 11 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है।
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