अब एक और बड़ी खबर निकल कर सामने आई है कि कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी 18 जनवरी को बिहार दौरे पर जा रहे है। राहुल गाँधी लोकसभा के बाद पहली बार बिहार जा रहे है। और वो भी 18 जनवरी यानि कि खरमास के बाद। अक्सर ये कहा जाता है कि नीतीश कुमार खरमास के बाद ही कोई बड़ा फैसला लेते हैं और इस बार भी ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार खरमास यानि 15 जनवरी के बाद फिर से कोई बड़ा फैसला ले सकते है और तो और बिहार के सियासत में एक बड़ा खेला कर सकते है। अब नीतीश की इन ख़बरों के बीच राहुल भी खरमास के बाद ही यानि कि 18 जनवरी को बिहार आ रहे है। इस दौरान वह पार्ट्री कार्यालय सदाकत आश्रम जायेंगे। पार्टी नेताओं से मुलाकात और बैठकों के साथ ही राहुल गाँधी उसी दिन पटना में किसी हॉल में एक सभा को भी संबोधित कर सकते है। ऐसे में खरमास के बाद राहुल गाँधी का पटना पहुंचना महज़ संयोग मात्र तो नहीं हो सकता है। इसलिए संभावना ये भी है कि राहुल गाँधी अपने इस दौरे के दौरान लालू यादव और तेजस्वी यादव से भी मुलाकात कर सकते है, लेकिन देखने वाली बात तो ये होगी कि क्या राहुल गाँधी इस दौरान नितीश कुमार से मिलते हैं की नहीं? मुलाकात करेंगे या नहीं? क्यूंकि जिस तरह से पिछले कुछ वक़्त से कांग्रेस और नीतीश कुमार के बीच नज़दीकियां बढ़ रही है या कह सकते है कि नज़दीकियाँ देखने को मिल रही है। कांग्रेस नीतीश कुमार पर हमला करने की बजाय उन्हें बचाती हुई दिख रही है। उसी को देखते हुए ये कयास लगाए जा रहे है कि राहुल गाँधी अपने पटना दौरे पर नीतीश कुमार से भी मुलाकात कर सकते हैं। और इसके बाद ही बिहार में कोई सियासी खेला होने की उम्मीद है। बता दें कि 18 जनवरी को ही आरजेडी की एक बड़ी बैठक होने वाली है। इस बैठक में लालू यादव और तेजस्वी यादव से लेकर के आरजेडी के सभी बड़े नेताओं के मौजूद रहने की जानकारी मिली है। ऐसे में एक ओर आरजेडी की एक बैठक होना और दूसरी ओर उसी दिन राहुल गाँधी का पटना पहुंचना सिर्फ एक संयोग तो नहीं हो सकता है। वो भी तब जब जेडीयू ‘वेन नेशन वेन इलेक्शन’ के मुद्दे पर जेपीसी की पहली ही बैठक में बीजेपी और पीएम मोदी को झटका दे चुकी है। कयास ये भी लग रहें हैं कि राहुल गाँधी बिहार में एक नया सियासी अध्याय लिखने वाले है। अपने इस दौरे के दौरान राहुल गाँधी आरजेडी और जेडीयू के बीच एक बार फिर से समझौता कराएंगे और बिहार में एक बार फिर से महागठबंधन को सत्ता में लाने का दम भरेंगे। क्यूंकि कांग्रेस और नीतीश की नज़दीकियों को देखकर ये लग रहा है कि कांग्रेस आरजेडी और जेडीयू के बीच पुल का काम कर सकती है और दोनों का समझौता कराने के लिए अब राहुल गाँधी खुद बिहार पहुंच रहे है। क्यूंकि इन तीनो दलों के लिए एक दूसरे का साथ अब जरुरी हो गया है। बिहार में अब जहाँ लालू नीतीश को एक दूसरे की ज़रूरत है तो वहीं इंडिया गठबंधन में कांग्रेस को नितीश कुमार जैसे एक बड़े नेता और एक बड़े दल के साथ की सख्त जरुरत है। फिलहाल, सरे सियासी समीकरण इसी ओर इशारा करते है कि 18 जनवरी को बिहार में कुछ बहुत बड़ा होने वाला है और 18 जनवरी को बिहार से एक बड़ी तस्वीर सामने आ सकती है।
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