भोपाल । मध्य प्रदेश में बीते चार दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे नदी-नाले उफान पर हैं और कई जिलों में बाढ़ के हालात बनने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को आपात बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में हुई आपात बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में बाढ़ के हालातों से निपटने और बचाव के लिए जारी कार्यों की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों की स्थिति की समीक्षा के दौरान सभी संभागीय आयुक्त, आईजी, पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी बैठक से जुड़े।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में अत्यधिक बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए स्थिति सामान्य होने तक अधिकारियों-कर्मचारियों को छुट्टी पर रोक लगा दी है। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को शीर्ष प्राथमिकता और पूर्ण संवेदनशीलता के साथ राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हमारी रेस्क्यू टीमें दिन-रात क्रियाशील हैं, ताकि प्रभावितों लोगों तक समय पर मदद पहुंच सके। जिन जिलों के लिए अलर्ट जारी किये गये हैं, वहां जिला प्रशासन तत्परता से काम करें, कोई जनहानि न हो, यह सुनिश्चित करें। प्रदेश वासियों को बचाने के लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि जहां पर भी बाढ़ के पानी में लोग फंसे हैं, उन्हें हेलिकॉप्टर की सहायता से एयरलिफ्ट करने की तत्काल व्यवस्था की जाए। वर्षा का चक्र बदलने के कारण सितंबर महीने में जितनी बारिश होनी चाहिए, उससे अधिक हो रही है। अत्यधिक बारिश के बावजूद भी जनजीवन सामान्य रहे, इसलिए समय रहते आवश्यक सावधानियां बरतते हुए बचाव के कार्य किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिए कि निचली बस्तियों में रहने वालों को समय रहते सतर्क किया जाए। जलभराव और बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत कैंपों में शिफ्ट किया जाए। जिन रपटों और पुलों पर पानी है वहां तत्काल आवश्यक सावधानी व सतर्कता बढ़ाई जाए। पुराने जीर्णशीर्ण भवनों को चिन्हित कर सुरक्षात्मक व्यवस्था की जाए और आवश्यकता होने पर निवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए।
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