टोक्यो। भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचकर पहले ही इतिहास रच चुकी है और अब उसका सामना बुधवार को अर्जेटीना से होना है, जहां उसकी नजरें फाइनल में पहुंचने पर होगी।
क्वार्टर फाइनल में विश्व की नंबर-2 टीम ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद भारतीय टीम का मनोबल अर्जेटीना के खिलाफ बढ़ा है। उन्होंने उम्मीद से ज्यादा प्रदर्शन किया है और उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है और शीर्ष टीमों के खिलाफ उसे खेलने का अनुभव हासिल हुआ है। हालांकि, वह ओलंपिक खेलों के फाइनल में जाने के इस मौके को गंवाना नहीं चाहेगी।
ओलंपिक शुरू होने से पहले विश्व रैंकिंग में नौंवें स्थान पर रही भारतीय महिला टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर नया मानक तय किया है।
भारतीय डिफेंडर और गोलकीपर सविता पुनिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया था और उनपर अर्जेटीना के विरूद्ध इस प्रदर्शन को दोहराने का जिम्मा रहेगा। हालांकि, अर्जेटीना की टीम ऑस्ट्रेलिया से काफी अलग है। वह काफी फिट टीम है।
अर्जेटीना के पास अगुसटीना गोरजेलानी के रूप में शॉट कॉर्नर विशेषज्ञ मौजूद हैं जबकि फॉरवर्ड अगुसटीना अल्बर्टारिओ ने दो मैदानी गोल किए हैं।
भारतीय टीम को अर्जेटीना की टीम का कुछ हद तक आईडिया है। उसने इस साल जनवरी में इनके खिलाफ मुकाबला खेला था। हालांकि, वो दोस्ताना मैच था और खिलाड़ी वहां ओलंपिक के अनुरुप गंभीर नहीं थे।
कप्तान रानी रामपाल के नेतृत्व वाली महिला टीम को ग्रुप चरण में विश्व की नंबर-1 टीम नीदरलैंड के खिलाफ 1-5 से, जर्मनी के खिलाफ 0-2 से और ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ 1-4 से हार का सामना करना पड़ा था।
हालांकि, उसने आयरलैंड के खिलाफ 1-0 से जीत दर्ज की और फिर दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जाने की उम्मीद बरकरार रखी। फिर ग्रेट ब्रिटेन ने आयरलैंड को हराया और भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर गई।
अर्जेटीना के खिलाफ भारतीय टीम को अधिक आक्रामक होने और मौके भुनाने के साथ ही बेहतर तरीके से डिफेंड करने की जरूरत है।
भारतीय टीम के पास खोने को कुछ नहीं है और उसे इस मैच में खुलकर खेलने की जरूरत है।
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