दिल्ली एम्स में 6-12 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन ट्रायल के लिए कल से शुरू होगी स्क्रीनिंग

नई दिल्ली। कोरोना से लड़ाई के लिए भारत में बनी कोविड-19 वैक्सीन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए 6 से 12 साल की उम्र के बच्चों की स्क्रीनिंग मंगलवार से शुरू होने वाली है। सूत्रों के मुताबिक, 12 से 18 साल की उम्र वालों में कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए भर्ती अब बंद हो गई है। उन्हें वैक्सीन की सिंगल डोज दी गई है। 6-12 साल के बच्चों के बाद दिल्ली एम्स 2-6 साल के आयु वर्ग के लिए ट्रायल करेगा। ये ट्रायल्स 525 केंद्रों पर हो रहे हैं। पटना एम्स, मैसूर मेडिकल कॉलेज और कर्नाटक में रिसर्च इंस्टीट्यूट को भी बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल करने के लिए चुना गया है। पटना एम्स के डायरेक्टर प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि हमने 6-12 साल की उम्र के बच्चों के लिए भर्ती शुरू कर दी है। 12-18 साल की उम्र के बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए भर्ती अब खत्म हो गई है। उन्हें निगरानी में रखा जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड वैक्सीन की 1.53 करोड़ से अधिक डोज हैं तथा चार लाख और डोज उन्हें अगले तीन दिनों में दी जाएंगी। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक भारत सरकार द्वारा (निशुल्क) और सीधे खरीद श्रेणी में 26 करोड़ से ज्यादा (26, 64, 84, 350) डोज मुहैया कराई गई हैं। मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से (रविवार सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के अनुसार) बर्बादी समेत 25, 12, 66, 637 डोज का इस्तेमाल किया जा चुका है। उसने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के पास टीकाकरण के लिए अब भी 1.53 करोड़ से अधिक (1, 53, 79, 233) डोज मौजूद हैं। इसके अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की 4, 48, 460 डोज अगले तीन दिनों में मिलेंगी। राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत, केंद्र निशुल्क टीका मुहैया कराकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता कर रहा है। इसके अलावा, केंद्र राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा टीकों की सीधी खरीद में भी मदद कर रहा है।

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