मोलनुपिराविर कोई जादुई दवा नहीं

नयी दिल्ली।  कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के कारण बढ़ते मामलों के दौरान अब तक कोविड मरीजों में हल्के लक्षण देखने को मिल रहे हैं जिनका घर पर ही उपचार संभव है। साथ ही डॉक्टर ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड-19 बीमारी के लिए एंटी-वायरल मोलनुपिराविर कोई जादुई दवा नहीं है। एम्स के मेडिसिन विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ नीरज निश्चल ने अब तक कोविड-19 के उपचार के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने कहा कि मरीज की गहन निगरानी सबसे जरूरी है, खासकर अधिक जोखिम वाले ऐसे बुजुर्ग जोकि पहले से बीमारियों की चपेट में हैं या ऐसे लोग जिन्होंने अब तक टीकाकरण नहीं कराया है। निश्चल ने पीटीआई-से कहा, महामारी का ये मतलब नहीं है कि जब तक आपका डॉक्टर आपको कई तरह की दवाएं या नयी तरह की गोलियां नहीं देता, तब तक आप ठीक नहीं हो सकते। आखिरकार, धैर्य, सकारात्मक विचार और पेरासिटामोल से भी अधिकतर मरीज ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा, महामारी की तीसरी लहर के दौरान अधिकतर संक्रमित लोगों में अब तक हल्का संक्रमण देखने को मिला है जिसका बिना किसी विशेष उपचार के घर पर ही इलाज संभव है।

केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा है कि इस समय सामने आ रहे 5-10 प्रतिशत संक्रमित लोगों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है। हालांकि, चेताया है कि ये हालात तेजी से बदल भी सकते हैं, ऐसे में पूरी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

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