महंगी आक्सीजन डेढ़ माह में साढ़े तीन गुना बढ़े रेट

रिपोर्ट:ऋषभ तिवारी

कानपुर। लोहे से जुड़े उद्योगों के लिए यह संकट का दौर है। एक तो पहले ही डेढ़ माह से आक्सीजन ना मिलने की वजह से काम ठप है। अब जब ऑक्सीजन इंडस्ट्री को देने के निर्देश भी जारी हुए हैं तो कीमतें साढ़े तीन गुना तक बढ़ गई हैं। इतना ही नहीं पहले जो ऑक्सीजन के बॉटलिंग प्लांट वाले अपने सिलिंडर लगवाने के लिए आग्रह करते, अब उन्होंने साफ कर दिया है कि सिलिंडर नहीं देंगे और भुगतान भी एडवांस में लेंगे। कारोबारियों के मुताबिक इससे काफी समस्याएं आएंगी।

कानपुर में लोहे से जुड़े उद्योगों में रोज पांच हजार के करीब सिलिंडर चाहिए होते थे। बॉटलिंग प्लांट वाले खुद अपनी गाडिय़ों में सिलिंडर लाकर फैक्ट्री में छोड़ देते थे और अगली बार सप्लाई के लिए फोन आने पर दूसरे ऑक्सीजन भरे सिलिंडर दे जाते थे और खाली ले जाते थे। अप्रैल में सात क्यूबिक लीटर का सिलिंडर 170 से 200 रुपये में मिलता था तो 10 क्यूबिक लीटर का 220 से 250 रुपये में। ऑक्सीजन की मांग कोरोना के मरीजों के लिए बढ़ी तो बॉटलिंग प्लांट वालों ने अपने सिलिंडर फैक्ट्रियों से वापस ले लिए। अब संक्रमण की दर काबू में है। शुक्रवार को दोबारा उद्योगों को ऑक्सीजन देने के निर्देश जारी हो गए लेकिन अब भाव बढ़े हुए हैं। 170 से 200 रुपये में मिलने वाला सिलिंडर अब 600 से 700 रुपये में मिल रहा है। वहीं 220 से 250 वाला सिलिंडर 800 से 850 रुपये में। वह भी बहुत जरूरी होने पर ही सिलिंडर दिया जा रहा है।

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